4000 करोड़ का कर्जा! संपत्ति बेचने को मजबूर परिवार, टाटा में था अहम योगदान

किसी समय टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी संभालने वाले इंसान के परिवार की कंपनी शपूरजी पलोनली समूह इन दिनों कर्ज में डूबी हुई है। कर्जा उतारने के लिए शपूरजी समूह ने अपने सोलर पावर प्लांट और रोड परिसंपत्तियों को बेचने का फैसला किया है।

Update: 2019-08-25 11:07 GMT
4000 करोड़ का कर्जा! संपत्ति बेचने को मजबूर परिवार, टाटा में था अहम योगदान

नई दिल्ली : किसी समय टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी संभालने वाले इंसान के परिवार की कंपनी शपूरजी पलोनली समूह इन दिनों कर्ज में डूबी हुई है। कर्जा उतारने के लिए शपूरजी समूह ने अपने सोलर पावर प्लांट और रोड परिसंपत्तियों को बेचने का फैसला किया है। मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले से डायरेक्ट सम्बन्ध रखने वाले व्यक्ति का कहना है कि कंपनी पर लगभग 4000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

आपकों बता दें कि 154 साल पुराने इस बिजनेस ग्रुप का मालिकाना हक पलोनजी मिस्त्री और उनके परिवार के पास है। कंपनी सौदे के संबंध में निजी निवेशकों से बातचीत चल रही है। इस सौदे के अगले साल मार्च तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।

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कंपनी शपूरजी पलोनजी समूह की टाटा ग्रुप में 111 अरब डॉलर की हिस्सेदारी है। इस परिवार के साइरस मिस्त्री टाटा समूह के साल 2012-2016 के बीच चेयरमैन रह चुके हैं। साइरस के पास टाटा संस में 18.4 फीसदी की हिस्सेदारी है। साल 2016 में उन्हें वोटिंग के जरिये पद से हटा दिया गया था।

कंपनी शपूरजी पलोनजी समूह की परिसंपत्तियां बेचे जाने और समूह के कुल कर्ज से जुड़े सवाल पर कंपनी के प्रवक्ता ने कमेंट करने से मना कर दिया। समूह कंस्ट्रक्शन, वाटर प्यूरीफायर से लेकर बंदरगाहों के संचालन का काम करता है। कंपनी जिन सोलर पावर प्लांट और रोड परिसंपत्तियों के बेचने की तैयारी में है। उसमें एक प्लांट 298 मेगावाट बिजली पैदा कर रहा है जबकि और दूसरा प्लांट 900 मेगावाट की क्षमता का है।

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इनके अलावा ये भी हैं कर्ज में डूबे

आपकों बता दें कि कर्ज के कारण अपनी हिस्सेदारी बेचने वाली शपूरजी पलोनजी समूह एकमात्र बिजनेस ग्रुप नहीं है। बढ़ते कर्ज के कारण सुभाष चंद्रा के स्वामित्व वाली एसेल ग्रुप और अनिल अंबानी का रिलायंस ग्रुप भी अपनी परिसंपत्तियां बेचकर कर्ज चुकाने की तैयारी में जुटे हैं।

इस मामले के बारे में जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि यह परिवार पिछले 9 महीने में समूह में 2000 करोड़ रुपये डाल चुका है। शपूरजी पलोनजी आने वाले समय में अपने बंदरगाह के बिजनेस को बढ़ाने के लिए भी निवेशकों की तलाश में हैं। कंपनी अभी दो बंदरगाहों का संचालन कर रही है।

इन बन्दरगाहों में से ओडिशा और मुंबई के पास है। इस कंपनी पश्चिमी गुजरात में भी एक अन्य बंदरगाह और गैस टर्मिनल फैसिलिटी का निर्माण कर रही है।

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