PM Modi in Mahakumbh: वोटिंग के बीच महाकुंभ में PM मोदी की डुबकी, मिल्कीपुर से दिल्ली तक हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूत बनाने की रणनीति

PM Modi in Mahakumbh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 5 फरवरी को महाकुंभ में संगम स्नान सियासी नजरिए से भी काफी अहम मान जा रहा है। उनकी डुबकी की तारीख सियासी और आध्यात्मिक दोनों नजरिए से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।;

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2025-02-05 10:14 IST

Delhi Election 2025 PM Modi will take a dip in Sangam in MahaKumbh on February 5 (Photo: Social Media)

PM Modi in Mahakumbh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 5 फरवरी को महाकुंभ में संगम स्नान सियासी नजरिए से भी काफी अहम मान जा रहा है। उनकी डुबकी की तारीख सियासी और आध्यात्मिक दोनों नजरिए से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। डुबकी का समय माघ की अष्टमी का पुण्य काल है तो इसी दिन उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर से लेकर दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग भी हो रही है।

ऐसे में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संगम में डुबकी से राजनीतिक हिलोरें भी उठेंगी और इसका असर अयोध्या से लेकर दिल्ली तक दिख सकता है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस डुबकी से भाजपा के हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को और मजबूती मिलेगी।

विपक्ष के हमलों के बीच पीएम मोदी का दौरा

पीएम मोदी 6 साल बाद महाकुंभ में एक बार फिर आज डुबकी लगाएंगे। इससे पहले उन्होंने 2019 में 24 फरवरी को संगम स्नान के बाद सफाई कर्मियों के पांव पखारे थे। इस बार भी संगम स्नान के साथ पीएम मोदी मां गंगा की पूजा-अर्चना करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को भी प्रयागराज पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने करीब साढ़े पांच हजार करोड़ की 167 परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। इन दिनों अमावस्या के पवित्र स्नान से पूर्व मची भगदड़ को लेकर सड़क से संसद तक राजनीति गरमाई हुई है।

संसद में विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जबर्दस्त तरीके से हमलावर दिख रहा है। भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े को छिपाने का बड़ा आरोप भी लगाया जा रहा है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मुद्दे पर लगातार तीखा पलटवार करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में पीएम मोदी का प्रयागराज दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूत बनाने की रणनीति

सियासी जानकारों का मानना है कि मिल्कीपुर और दिल्ली में वोटिंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संगम में डुबकी भाजपा के हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को मजबूत बनाएगी। पीएम मोदी से पहले गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी संगम में पुण्य स्नान कर चुके हैं।

महाकुंभ में योगी सरकार की कैबिनेट बैठक भी हुई थी। महाकुंभ से सियासी संदेश देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के साथ भी संगम में डुबकी लगाई थी। भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक भी लगातार महाकुंभ में आकर पुण्य स्नान करने में जुटे हुए हैं।

मुस्लिम मतदाताओं को लेकर विपक्ष सतर्क

एक ओर भाजपा का पूरा कुनबा महाकुंभ के जरिए सियासी संदेश देने में जुटा हुआ है तो दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने महाकुंभ से दूरी बना रखी है। इसके भी सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। वैसे माना जा रहा है कि दिल्ली चुनाव के बाद इन दोनों नेताओं का भी प्रयागराज दौरा हो सकता है।

कांग्रेस और आप दोनों पार्टियों मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए भी काफी फूंक-फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में तमाम सीटों पर इस बार काफी कड़ा मुकाबला हो रहा है और ऐसे में मुस्लिम मतदाताओं का रुख सियासी नजरिए से काफी अहम हो गया है। दिल्ली की करीब 22 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का रुख किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत के लिए काफी अहम माना जाता है।

जातीय जनगणना की काट में जुटी है भाजपा

भाजपा महाकुंभ के जरिए सियासी संदेश इसलिए भी देना चाहती है क्योंकि कांग्रेस, सपा और राजद जैसे दल जातीय जनगणना के मुद्दे पर इन दिनों काफी मुखर हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा में एक बार फिर जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया था।

ऐसे में भाजपा हिंदुओं को सनातन की डोर से बांधे रखने की रणनीति पर काम कर रही है ताकि विपक्ष की अनुसूचित जाति और ओबीसी वोट खींचने की रणनीति को सफल बनाया जा सके। ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री मोदी का प्रयागराज दौरा काफी अहम माना जा रहा है और इसका सियासी असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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