G20 Summit: प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया नहीं बल्कि प्रेसीडेंट ऑफ भारत के नाम से भेजा न्योता, अमिताभ बच्चन बोले भारत माता की जय

Delhi G20 Summit 2023: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि राष्ट्रपति भवन में 9 सितंबर को होने वाले G20 के डिनर के आमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है।

Update:2023-09-05 12:57 IST
Delhi G20 Summit 2023 (photo: social media )

Delhi G20 Summit 2023: राजधानी में जल्द होने वाले G 20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से दिए जाने वाले रात्रि भोज के निमंत्रण को लेकर विवाद पैदा हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि राष्ट्रपति भवन में 9 सितंबर को होने वाले G20 के डिनर के आमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। उन्होंने इस निमंत्रण पत्र को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।

दरअसल विपक्षी दलों की ओर से बनाए गए गठबंधन का नाम इंडिया रखे जाने के बाद इंडिया शब्द काफी चर्चाओं में है। भाजपा के कई नेताओं की ओर से इंडिया शब्द की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल किए जाने की मांग की जा रही है। इस बीच खबर यह भी है कि 18 सितंबर से होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान मोदी सरकार की ओर से संविधान से इंडिया शब्द हटाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मोदी सरकार की ओर से विधेयक लाया जा सकता है।

वीरेंद्र सहवाग ने उठाई मांग

वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि खिलाडियों की जर्सी पर भी भारत लिखा जाए। उन्होंने कहा कि हमारे देश का नाम हैं। इस पर हमें गर्व होना चाहिए। उन्होंने ने वर्ल्डकप टीम की घोषणा होते ही भारत को समर्थन देते हुए ये मांग उठाई है।

अमिताभ ने किया ट्वीट

देश नाम पर टल रही सियासत में अमिताभ बच्चन भी कूद पड़े। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा भारत माता की जय। इससे साफ है कि बॉलीवुड के महानायक कहे जाने वाले अभिनेता अमिताभ बच्चन भी भारत नाम के सपोर्ट में हैं।

कांग्रेस नेता ने किया बड़ा दावा

देश की सियासत में इन दोनों इंडिया शब्द को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश की ओर से बड़ा दावा किया गया है। जय राम रमेश ने अपने आधिकारिक एक हैंडल पर लिखा, ''तो ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को G20 रात्रिभोज के लिए सामान्य 'President Of India' की बजाय 'President Of Bharat' के नाम पर निमंत्रण भेजा है। अब संविधान के अनुच्छेद 1 में हो सकता है कि 'भारत, जो इंडिया है, राज्यों का एक समूह होगा'। लेकिन अब इस 'राज्यों के समूह' पर भी हमला हो रहा है। कांग्रेस नेता की ओर से यह टिप्पणी आने के बाद अभी सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं जारी किया गया है।

भाजपा सांसद ने की भारत शब्द जोड़ने की मांग

वैसे भाजपा नेता इंडिया शब्द की जगह भारत का इस्तेमाल किए जाने की मांग कर रहे हैं। भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने संविधान में लिखे इंडिया शब्द का विरोध किया है। भाजपा सांसद ने कहा कि पूरा देश मांग कर रहा है कि हमें 'इंडिया' की जगह 'भारत' शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने इंडिया शब्द को अंग्रेजों की ओर से दी गई गाली बताया। भाजपा सांसद ने कहा कि 'भारत' शब्द हमारी संस्कृति का प्रतीक है। मैं चाहता हूं कि हमारे संविधान में बदलाव हो और इसमें 'भारत' शब्द जोड़ा जाए।

आमंत्रण पत्र को धर्मेंद्र प्रधान ने भी ट्वीट कर राष्ट्रगान की पंक्तियां लिखी हैं।

मानसून सत्र के दौरान भी उठा था मुद्दा

वैसे यह मामला नया नहीं है क्योंकि संसद के मानसून सत्र के दौरान भाजपा के राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने मांग की थी कि इंडिया शब्द को हटाकर भारत शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि इंडिया शब्द औपनिवेशिक दासता का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गत 25 जुलाई को भाजपा संसदीय दल की बैठक के दौरान विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने तीखा हमला बोलते हुए यह भी कहा था कि ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन नेशनल कांग्रेस का गठन अंग्रेजों ने किया था। प्रधानमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस की ओर से तीखी आपत्ति भी जताई गई थी।

विशेष सत्र के दौरान विधेयक लाने की तैयारी

इस बीच मोदी सरकार की ओर से 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक 18 से 22 सितंबर तक होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान मोदी सरकार की ओर से गुलामी से जुड़े शब्दों को हटाने की दिशा में बड़ा कदम उठाए जा सकता है। इनमें INDIA शब्द भी शामिल है जिसे बिल लाकर संविधान से हटाने की तैयारी है। मोदी सरकार का यह कदम विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को झटका देने की रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने भी हाल में देशवासियों से इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने की अपील की थी। उनका कहना था कि सदियों से हमारे देश का नाम भारत रहा है और इसलिए हमें आपसी बातचीत और अपने लेखन के दौरान भारत शब्द का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

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