Swiss Lady Murder Case: बहुत रहस्यमय है स्विट्जरलैंड से आई युवती का हत्यारा गुरप्रीत

Swiss Lady Murder Case: रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरप्रीत सिंह ने दिल्ली के विष्णु गार्डन में शाहपुरा खट्टा के पास नीना की आंखों पर पट्टी बंधी, और उसका गला घोंट दिया। उसने कार को शव के साथ वहीं छोड़ दिया।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2023-10-22 06:52 GMT

Swiss Lady Murder Case (Social Media)

Swiss Lady Murder Case: जब गुरप्रीत सिंह ने स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख से नीना बर्जर को भारत आमंत्रित किया, तो उससे मुंबई और गोवा घुमाने का वादा किया था। जब नीना दिल्ली पहुंची तो दो दिन बाद गुरप्रीत सिंह ने उसे अपनी कार में बिठाया और एक सरप्राइज देने के लिए उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी। लेकिन अगले कुछ क्षणों में नीना बर्जर ने पाया कि उसके हाथ-पैर जंजीरों से बंधे हुए थे और ताले लगे हुए थे। बाद में नीना की हाथ पैर बंधी लाश एक स्कूल की चारदीवारी के बाहर प्लास्टिक के काले बैग में पाई गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरप्रीत सिंह ने दिल्ली के विष्णु गार्डन में शाहपुरा खट्टा के पास नीना की आंखों पर पट्टी बंधी, और उसका गला घोंट दिया। उसने कार को शव के साथ वहीं छोड़ दिया। चूँकि कार के शीशे काले थे और उसने ब्लाइंडर्स लगा रखे थे, इसलिए उसे उम्मीद थी कि कोई भी अंदर शव को नहीं देख पाएगा। हत्या के बाद गुरप्रीत ई-रिक्शा से घर लौट आया। दो दिन बाद वह घटनास्थल पर गया और अपनी कार की जांच की। उसने पाया कि शव सड़ना शुरू हो गया था और वाहन से दुर्गंध आ रही थी। फिर उसने शव को आंशिक रूप से प्लास्टिक की थैली में लपेटा और स्कूल के बाहर फेंक दिया।

हुई गिरफ्तारी 

20 अक्टूबर को पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में एक स्कूल के पास बर्जर का शव मिलने के बाद गिरफ्तार किए गए 30 वर्षीय गुरप्रीत सिंह से पूछताछ में यह बात सामने आई है। ज्यूरिख में एक निजी फर्म की कर्मचारी नीना बर्जर 11 अक्टूबर को दिल्ली पहुंची थी और जनकपुरी के एक होटल में रुकी थी। 16 अक्टूबर को वह एक रूफ टॉप स्विस कॉटेज में चली गई थी।

कब मिली लाश

बर्जर का शव 20 अक्टूबर की सुबह करीब 9 बजे मिला जब एक राहगीर ने एक काले प्लास्टिक बैग में उसे देखा और पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित किया। शव सड़ने की हालत में था और गर्दन पर गला घोंटने के निशान थे। पुलिस ने हत्या और सबूत मिटाने का मामला दर्ज किया और पड़ताल शुरू की।

पुलिस की जांच

क्षेत्र के कई सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की गई और उस क्षेत्र के पास एक घर में लगे कैमरों में से एक में सुबह 8.28 बजे के आसपास एक सफेद सैंट्रो कार मंडराती दिखाई दी। पाया गया कि कार का स्वामित्व कई बार बदला गया, लेकिन पुलिस ने वर्तमान उपयोगकर्ता की पहचान करने और उसका पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी का इस्तेमाल किया और गुरप्रीत की शिनाख्त की। पुलिस ने पाया कि गुरप्रीत सिंह जनकपुरी के एक आलीशान इलाके में अपने माता-पिता और बहन के साथ रहता है। उसके पिता एक ज्योतिष सलाहकार हैं और इस समय विदेश में हैं।

जब पुलिस सिंह के घर पहुंची तो परिवार ने दरवाजा नहीं खोला। तब पुलिस को घर में प्रवेश करने के लिए खिड़की के शीशे तोड़ने पड़े और फिर जंगला काटना पड़ा। जब पुलिस टीम ने कथित हत्यारे को पकड़ा तो वह वॉशिंग मशीन और अपने बिस्तर के नीचे नकदी छुपाता हुआ पाया गया। पुलिस को घर से 2 करोड़ रुपये नकद मिले।

डेटिंग ऐप पर मिला था

30 वर्षीय गुरप्रीत सिंह की मुलाकात 2021 में ज्यूरिख में डेटिंग ऐप ओमेगल पर 36 वर्षीय बर्जर से हुई थी, जब वह अपने रिश्तेदारों से मिलने वहां गया हुआ था। पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि वह स्विस महिला के साथ दीर्घकालिक संबंध चाहता था, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थी। उसने दावा किया कि उसे उससे प्यार हो गया और उसने उसे भारत बुलाया, लेकिन जब उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया तो उसने उसका गला घोंट दिया।

गुरप्रीत अक्सर ज्यूरिख जाता था। सितंबर में, जब वह ज्यूरिख में था, उसने फिर से नीना से उससे शादी करने के लिए कहा, लेकिन उसने कहा कि वह पहले से ही किसी और को देख रही है। गुरप्रीत सिंह ने तब उसे माँ के पास ले जाने के लिए कथित तौर पर दिल्ली आमंत्रित किया।

रहस्यमय फैमिली

जनकपुरी में जहां गुरप्रीत रहता है वहां उसके पड़ोसियों ने दावा किया कि उन्होंने गुरप्रीत सिंह का चेहरा कम ही देखा है। जॉगिंग करते समय भी वह अपना चेहरा कपड़े से ढंक कर रखता था। उसने कभी भी सोसायटी में किसी से बात नहीं की। यहां तक कि जब कोई उनसे कुछ पूछता था, तो वह जवाब देने से बचता था।

निवासियों ने यह भी दावा किया कि परिवार के पड़ोसियों के साथ मधुर संबंध नहीं थे। ऐसे कई उदाहरण थे जब पुलिस को सिंह के परिवार और अन्य लोगों के बीच बहस सुलझाने के लिए आना पड़ा।

एक अन्य पड़ोसी ने कहा कि सिंह परिवार में कभी कोई मेहमान नहीं आता था। परिवार रूढ़िवादी और धार्मिक था। वे अक्सर सुबह-सुबह एक बैग लेकर कहीं चले जाते थे और कुछ घंटों के बाद लौटते थे। कई वर्षों तक सोसायटी में रहने के बावजूद, कई निवासियों को आरोपी और उसके परिवार के सदस्यों के नाम नहीं पता थे। परिवार इमारत की ऊपरी मंजिल पर रहता है। एक जांचकर्ता ने कहा कि सिंह अपनी कार कहीं और पार्क करता था और ई-रिक्शा लेकर अपने घर जाता था। 

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