दिल्ली हिंसा: हिंदू आरोपियों को मारने की थी साजिश, पुलिस ने ऐसे किया नाकाम

यह साजिश तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद शाहिद और जेल के बाहर से असलम ने रची थी। इस साजिश के तहत असलम ने शाहिद को जेल में मर्करी पहुंचाया था। लेकिन स्पेशल सेल ने इस साजिश को नाकाम कर दिया है और दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

Update:2021-03-04 13:24 IST
दिल्ली हिंसा: हिंदू आरोपियों को मारने की थी साजिश, पुलिस ने ऐसे किया नाकाम

नई दिल्ली: बीते साल नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) व एनसीआर (NCR) के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जमकर हिंसा (Delhi Violence) देखने को मिली। इस बीच उत्‍तर-पूर्वी दिल्‍ली में हुई हिंसा में शामिल हिंदू आरोपियों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के स्पेशल सेल ने Violence में शामिल हिंदू आरिपियों को तिहाड़ जेल में मारने की साजिश का भंडाफोड़ किया है।

स्पेशल सेल ने साजिश को किया नाकाम

स्पेशल सेल के मुताबिक, यह साजिश तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद शाहिद और जेल के बाहर से असलम ने रची थी। इस साजिश के तहत असलम ने शाहिद को जेल में मर्करी पहुंचाया था। जैसे ही स्पेशल सेल को इस साजिश की भनक लगी उसने टेक्निकल सर्विलांस रखना शुरू किया और साजिश को नाकाम किया। पुलिस ने तिहाड़ जेल से मर्करी भी बरामद की है।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

इसके साथ ही मामले में दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। बताया गया है कि दिल्ली हिंसा के दौरान मौजपुर पुलिया और शिव विहार पुलिया के पास हत्या करने वाले आरोपियों की जेल में ही हत्या की साजिश थी।

हिंसा में मारे गए थे कई बेगुनाह

गौरतलब है कि पिछले साल 2020 फरवरी में CAA को लेकर दिल्ली में भीषण विरोध-प्रदर्शन जारी था। जिसने देखते ही देखते दंगे का रूप धारण कर लिया था। इस हिंसा में कई बेगुनाहों की जिंदगी तबाह हो गई और कई के आशियाने तबाह हो गए। दंगे में करीब 53 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा बुरी तरह से घायल हो गए थे।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

अब तक 751 एफआईआर हुई दर्ज

पुलिस ने बताया है कि ये सब कुछ साजिश के तहत किया गया था। 23 फरवरी को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले के जाफराबाद इलाके में दोपहर 3 बजे के बाद दंगा भड़क गया था। जिसकी आग देखते ही देखते पूरे जिले में फैल गई। इसी दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या कर दी गई और इंटेलीजेंस ब्‍यूरो के अधिकारी अंकित भी इस दंगे के शिकार हो गए। बता दें कि अब तक इस मामले में कुल 751 एफआईआर दर्ज हो चुकी है।

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