Murti Visarjan Rules: मूर्ति विसर्जन से पहले ध्यान दें, नहीं तो तैयार रहें जुर्माने और जेल की सजा के लिए

Murti Visarjan Places In Delhi: राजधानी दिल्ली में खास इंतेजाम किए गए हैं। मूर्ति विसर्जन के लिए जगह-जगह पर कृत्रिम तालाब बनवाए गए हैं।

Report :  Vidushi Mishra
Update:2022-10-05 17:05 IST

मूर्ति विसर्जन (फोटो- सोशल मीडिया)

Murti Visarjan Places In Delhi: नौ दिन की नवरात्रि के बाद दसवें दिन से मूर्ति विसर्जन करने का विधान है। ऐसे में अब मूर्ति विसर्जन शुरू हो चुका है। लेकिन इस साल मूर्ति विसर्जन के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खास इंतेजाम किए गए हैं। मूर्ति विसर्जन के लिए जगह-जगह पर कृत्रिम तालाब बनवाए गए हैं। इसके साथ ही चितरंजन पार्क ग्रेटर कैलाश के साथ ही पश्चिमी जिले में तालाब बनाए गए हैं। यहां पर करीब 20 क्रत्रिम तालाब हैं। इन तालाबों को खासकर मूर्तियों का विसर्जन करने के लिए ही बनवाया गया है।

दरअसल ये हर साल होता था कि नवरात्रि के बाद भक्त यमुना नदी में मूर्ति विसर्जित करते थे। जिससे यमुना नदी में बहुत ज्यादा प्रदूषण होता जा रहा था। लेकिन इस साल सरकार और कार्यकत्ताओं की सूझ-बूझ से यमुना को प्रदूषण मुक्त रखने की पहल जारी है। क्योकिं नदी का पानी इतना ज्यादा प्रदूषित होना लोगों और जानवरों दोनों के लिए हानिकारक है।

विसर्जन स्थलों पर विसर्जन करने के सख्त आदेश

जिसको ध्यान में रखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं दी है। दिल्ली सरकार का लोगों से कहना है कि मूर्ति का विसर्जन कृत्रिम घाटों और तालाबों में करिए। जीं हां इस साल बढ़ते प्रदूषण पर लगान लगाने के लिए मूर्ति विसर्जन पर केजरीवाल सरकार ने जरूरी स्टेप उठाया है।

राजधानी में सरकार ने मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों को बनवाया है। पूरी दिल्ली में इन कृत्रिम घाटों के अलावा कहीं भी मूर्ति विसर्जित करने की आज्ञा नहीं है। नियम का उल्लंघन करते पाए जाने पर का 50 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

जानकारी देते हुए आपको बता दें, कि गणेश चतुर्थी के दौरान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी। सरकार की इस गाइडलाइन के अनुसार, यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन करने वालों पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा 6 साल की जेल भी हो सकती है।


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