प्रदूषण पर SC की केंद्र और राज्यों को फटकार, मर रहे लोग, सरकारें चुनाव में व्यस्त

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ता रूप अपनाया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को प्रदूषण पर टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर साल दिल्ली चोक हो जाती है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

Update: 2019-11-04 10:09 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ता रूप अपनाया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को प्रदूषण पर टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर साल दिल्ली चोक हो जाती है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

नाराज सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण लेवल इतना अधिक बढ़ जाने पर केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई है और पूछा है कि प्रदूषण को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को पराली जलाने पर कार्रवाई करने को कहा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकारों को चुनाव में अधिक दिलचस्पी है, लेकिन यहां पर लोग मर रहे हैं। किसी भी सभ्य देश में ऐसा नहीं होता है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सोमवार से ही लागू हुए ऑड-ईवन पर सवाल खड़े कर दिए हैं और दिल्ली सरकार से पूछा है कि आखिर इसका फायदा क्या है?

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि लोगों को जीने का अधिकार है, एक पराली जलाता है और दूसरे के जीने के अधिकार का उल्लंघन करता है। जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने यह टिप्पणी की है।

देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार करे या फिर राज्य सरकार, इससे हमें कोई लेने देना नहीं है। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हर साल 10-15 दिन के लिए हमें ये देखना पड़ रहा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज लुटियन जोन में एक बेडरुम में भी AQI 500 तक पहुंच गया है और ये दिल्ली का हाल है। अगर आपके पास एंड्रॉएड फोन है तो यहां आपके आस-पास की हवा में प्रदूषण का हाल मिल जाएगा।

इन राज्यों को फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि किसान पराली क्यों जला रहे हैं? अगर ग्राम पंचायत इसके लिए जिम्मेदार हैं तो आप उनसे बात क्यों नहीं कर रहे हैं? कोर्ट ने कहा कि हमें उन लोगों के नाम दीजिए जो पराली जला रहे हैं। आप लोगों को मरने के लिए छोड़ दे रहे हैं।

कोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा सरकार ने अभी तक ग्राम प्रधान और सरपंचों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? आपके लोगों को भी इससे फर्क पड़ रहा है, क्या आप चाहते हैं कि लोग मर जाएं? कोर्ट ने इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार से उनके एक्शन प्लान के बारे में भी पूछा।

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इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ बैठकें काफी नहीं है, आखिर कौन जिम्मेदार है? राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं और वो सिर्फ चुनाव में बिजी हैं और वो लोग लोगों को मरने दे रहे हैं।

बता दें कि दिल्ली और एनसीआर में दिवाली के बाद से ही स्मॉग छाया हैं और प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है जिसकी वजह से लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं।

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