RapidX Train: दिल्ली मे खत्म होगी ट्रैफिक की समस्या, रैपिडएक्स ट्रेन का काम लगभग पूरा, जानें कब होगा शुभारंभ

RapidX Train: दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर यानी साहिबाबाद-दुहाई सेक्शन का काम लगभग पूरा हो चुका है। कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। जल्दी कॉरिडोर का काम पूरा करके इसका ट्रायल शुरू किया जाएगा।

Update:2023-07-08 13:51 IST
RapidX Train (Social Media)

RapidX Train: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आए दिन जाम की समस्या होती है, लेकिन अब दिल्ली में लोगों जाम की समस्या से जल्द राहत मिलने वाली है। दरअसल, दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर यानी साहिबाबाद-दुहाई सेक्शन का काम लगभग पूरा हो चुका है। कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। जल्दी कॉरिडोर का काम पूरा करके इसका ट्रायल शुरू किया जाएगा। जिसके सफल होने पर यात्रियों के लिए रैपिडएक्स का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।

दिल्ली वालों के लिए खुशखबरी है, जो लोग अपनी निजी वाहनों से दिल्ली से मेरठ के लिए आते-जाते है, जिससे जाम की समस्या बनती है, लेकिन रैपिडएक्स के शुरू हो जाने से लोग रैपिडएक्स से जाना ज्यादा पसंद करेंगे, क्योंकि ये जल्दी पहुंचाने का काम करेंगी। जानकारी के मुताबिक दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के दिल्ली सेक्शन का काम 70 फीसदी से ज्यादा कंपलीट हो चुका है और साल 2023 के अंत तक काम पूरा होने की संभावना जतायी जा रही है। काम पूरा होने के बाद 2024 में ट्रायल किया जाएगा। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने जून 2025 तक इस पूरे ट्रैक पर रैपिडएक्स चलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन काम को देखते हुए माना जा रहा है, उससे पहले ही रैपिडएक्स ट्रेन दौड़ती नजर आएगी।

यूपी से दिल्ली की राह आसान

82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का 14 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में है, जबकि 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ेगा। दिल्ली में 14 किलोमीटर लंबे हिस्से में 9 किमी हिस्सा एलिवेटेड है, जबकि बाकी हिस्सा पांच किमी भूमिगत है। दिल्ली सेक्शन में चार स्टेशन बनाए गए है, जिनमें जंगपुरा, सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार शामिल हैं। जिनमें सराय काले ख़ां सबसे बड़ा स्टेशन होगा। यह टर्मिनल स्टेशन होगा और यहां पर सबसे ज्यादा छह प्लेटफॉर्म बनाये जाएंगे। 9 किलोमीटर के एलिवेटेड सेक्शन का 75 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा इस कॉरिडोर का 5 किलोमीटर का हिस्सा भूमिगत होगा, जिसके लिए चार सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।

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