रविशंकर ने देह-व्यापार में कमी आने के पीछे नोटबंदी का होना बताया

Update: 2017-11-07 17:31 GMT

भोपाल: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नोटबंदी की वर्षगांठ पर बुधवार को कांग्रेस व अन्य विरोधी दलों द्वारा 'काला दिवस' मनाए जाने की योजना पर मंगलवार को कहा कि नोटबंदी का फैसला देश और आम लोगों के हित में है, जो इसका विरोध कर रहे हैं, वे बेईमानी के समर्थक हैं।

नोटबंदी से नक्सलवाद, पत्थरबाजी और 'देह व्यापार' में कमी आई है। प्रसाद ने यहां भाजपा के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि नोटबंदी के चलते कालाधन बाहर आया है। एक ऐसी कंपनी थी, जिसका बैलेंस शून्य था और उसने नोटबंदी के बाद 2484 करोड़ रुपये बैंक में जमा किए और निकाल लिए। बैंक में जमा हुए तीन लाख 60 हजार करोड़ रुपये जांच के दायरे में हैं।

उन्होंने कहा, "नोटबंदी के चलते नक्सलवाद, पत्थरबाजी और देह व्यापार में कमी आई है।" बाद में अपनी बात को संभालते हुए उन्होंने 'देह व्यापार' शब्द को दलालों से जोड़ा।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "नोटबंदी से लगभग 98 प्रतिशत पुराने नोट बैंकों में आ गए हैं। कांग्रेस को इससे तकलीफ है, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नोटबंदी के खिलाफ जो बोल रहे हैं, वह उनसे बुलवाया जा रहा है। पता नहीं, उनकी स्क्रिप्ट कौन लिखता है।"

--आईएएनएस

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