Ajit Pawar को CM फेस बताने पर फडणवीस ने दी नसीहत, NCP और कांग्रेस के दावे को बताया गलत, शिंदे की बनी रहेगी कुर्सी

Maharashtra Politics:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बदले जाने का दावा किया था। इन बयानों को लेकर मुख्यमंत्री शिंदे और उनके समर्थक विधायक नाराज बताए जा रहे हैं।

Update: 2023-07-25 07:11 GMT
Maharashtra Politics (photo: social media )

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों एनसीपी के बागी नेता अजित पवार को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। एनसीपी में बगावत के बाद डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले अजित पवार को लेकर एनसीपी गुट की ओर से बार-बार दावा किया जा रहा है कि वे जल्द ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बदले जाने का दावा किया था। इन बयानों को लेकर मुख्यमंत्री शिंदे और उनके समर्थक विधायक नाराज बताए जा रहे हैं।

इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी और कांग्रेस दोनों को नसीहत दी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एनसीपी नेताओं को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस नेता की ओर से किए गए दावे को भी गलत बताते हुए कहा कि भविष्य में भी एकनाथ शिंदे ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

अजित पवार गुट के नेता का बड़ा दावा

दरअसल एनसीपी में बगावत और अजित पवार के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में खींचतान दिख रही है। एनसीपी कोटे के मंत्री अनिल पाटिल ने अजित पवार को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि सड़कों से लेकर दिल्ली नेतृत्व तक सभी इस बात को महसूस कर रहे हैं कि अजित पवार को राज्य का मुख्यमंत्री होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताने की जरूरत नहीं है कि दिल्ली में कौन नेता पवार को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सभी को लगता है कि अजित दादा को सीएम बनना चाहिए और हम भी यही चाहते हैं।

हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अजित दादा को सीएम बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होगी। अगर हम यह आंकड़ा जुटाने में कामयाब रहे तो निश्चित रूप से अजित दादा राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। अभी पूरे विधायक न होने के कारण हम महाराष्ट्र की सत्ता में शिंदे सरकार के साथ हैं। पाटिल के अलावा एनसीपी गुट के कई अन्य नेता भी समय-समय पर अजित पवार को भारी मुख्यमंत्री बताते रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने भी अजित को भावी सीएम बताया

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी महाराष्ट्र के नए सीएम को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने के बाद 10 अगस्त के आसपास राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार को नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाएगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा शिंदे की अगुवाई में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहती क्योंकि शिंदे का थाणे के बाहर कोई प्रभाव नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के पास अब अजित पवार के रूप में एक मजबूत विकल्प है और पार्टी की हमेशा यही नीति रही है कि इस्तेमाल करो और फेंक दो। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की समझ से इस बात का संकेत मिलता है कि वे अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाकर चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं।

फडणवीस बोले-अजित पवार नहीं बनेंगे मुख्यमंत्री

दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी और कांग्रेस नेता की ओर से किए गए दावे का खंडन किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि महायुति में सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर मैं यह बात आधिकारिक तौर पर स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कि अजित पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता बंटवारे के फार्मूले के संबंध में अजित पवार को स्पष्ट तौर पर बता दिया गया था और उन्होंने इस पर सहमति भी जताई थी। अजित पवार अपने भाषण में यह बात स्पष्ट कर चुके हैं कि महाराष्ट्र में सरकार बदलने के संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई थी। उन्होंने पृथ्वीराज चव्हाण के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की अफवाह फैलाने से बाहर जाना चाहिए।

उन्होंने एनसीपी के नेताओं को भी नसीहत दी कि उन्हें इस तरह के बयान जारी करने से बाज आना चाहिए। एनसीपी नेताओं को यह बात पता होनी चाहिए कि पवार को पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि वे मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। ऐसे में इस तरह के बयान जारी करने का कोई मतलब नहीं है।

एनसीपी के अजित पवार गुट की ओर से बार-बार इस तरह का बयान दिए जाने से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक भी काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि इस तरह की बयानबाजी तत्काल बंद की जानी चाहिए।

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