ये हीरा कारोबारी अब तक 3000 बेसहारा बेटियों की करवा चुका है शादी

अभी तक तो आपने दिवाली के मौके पर अपने कर्मचारियों को गिफ्ट के तौर पर कार और घर देने वाले सावजी ढोलकिया के बारे में सुना होगा। लेकिन अब सुरत के एक हीरा कारोबारी अपने नेक कामों के लिए सुर्खियों में हैं। महेशभाई सवाणी बेसहारा लड़कियों की शादी करवाते हैं। अब तक वह 9 सालों में 2866 बेटियों की शादी करा चुके हैं।

Update: 2018-12-24 12:24 GMT

सूरत: अभी तक तो आपने दिवाली के मौके पर अपने कर्मचारियों को गिफ्ट के तौर पर कार और घर देने वाले सावजी ढोलकिया के बारे में सुना होगा। लेकिन अब सुरत के एक हीरा कारोबारी अपने नेक कामों के लिए सुर्खियों में हैं। महेशभाई सवाणी बेसहारा लड़कियों की शादी करवाते हैं। अब तक वह 9 सालों में 2866 बेटियों की शादी करा चुके हैं। उन्होंने रविवार को एक साथ 231 और लड़कियों की शादी कराई। उन्होंने लगातार 10वें साल भी सामूहिक शादी कराई। इसे मिला दे तो वह लगातार 10 साल में 3,097 लड़कियों की शादी करवा चुके हैं।

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बेटियों के भविष्य की पूरी जिम्मेदारी भी उठाते हैं

महेशभाई की जिम्मेदारी शादी के बाद ही नहीं खत्म होती है। वह कहते हैं कि शादी के बाद इन बेटियों के भविष्य की पूरी जिम्मेदारी उनकी है। उन्होंने कहा कि बेटियों की सभी जरूरतों, उनके बच्चों के जन्म, पढ़ाई, इलाज, कपड़ा, इन सब के लिए जो भी आर्थ‍िक मदद की जरूरत होगी वो मेरी जिम्‍मेदारी है।

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इतना ही अगर इनमें किसी लड़की की छोटी बहन है तो उसकी भी जिम्मेदारी महेशभाई ही उठाते हैं। वह कोशिश करते हैं शादी के बंधन में बंधे इन जोड़ों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। महेशभाई सभी को अपनी बेटी मानते हैं और दामाद के रोजगार के लिए भी पूरी मदद करते हैं।

इमरजेंसी फंड बनाएंगे

महेशाभाई इस साल से एक इमरजेंसी फंड बनाने की कोशिश में हैं। इसमें हर दामाद को 500 रुपये महीना जमा करना होगा। इस तरह तीन हजार से ज्यादा दामाद से हर महीने 15 लाख रुपये से अधिक जमा हो जाएंगे। भविष्य में यदि किसी बेटी के परिवार पर कोई मुसीबत आती है, तो इस तरह जमा रकम को वहीं खर्च किया जाएगा।

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हर महीने जमा होने वाले इस पैसे का पूरा हिसाब-किताब भी सारे दामाद मिलकर देखेंगे। महेशभाई ने रविवार को होने वाले विवाह समारोह को 'लाडली' नाम दिया। महेशभाई को एक साल पहले कचरा के डिब्बे से एक नवजात बच्ची मिली थी। यह विवाह समारोह उन्‍होंने भूमि नाम की इसी बच्‍ची को समर्पित किया। महेशभाई ने बेटियों को गोद लेने के लिए लाइसेंस का भी आवेदन किया है।

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