लड़कियों की शादी: उम्र पर जल्द होगा फैसला, PM मोदी ने कही ये बड़ी बात

आज खाद्य एवं कृषि संगठन की 75वीं वर्षगाठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कई अहम मुद्दों पर बात की। वही लड़कियों की शादी की सही उम्र तय करने को लेकर जल्द किसी नतीजे पर पहुँचने की बात भी रखी।

Update:2020-10-16 21:04 IST
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आज खाद्य एवं कृषि संगठन की 75वीं वर्षगाठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कई अहम मुद्दों पर बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड़कियों की शादी की सही उम्र तय करने को लेकर जल्द किसी नतीजे पर पहुँचने की बात भी रखी। उन्होंने कहा कि बेटियों की शादी की सही आयु क्या होनी चाहिए इसपर चर्चा चल रही है।

सरकार अपनी कार्रवाई करेगी

प्रधानमंत्री ने आगे बतया कि उन्हें देशभर से जागरूक बेटियों की चिट्ठियां आती हैं कि जल्दी इसपर निर्णय कीजिए। नरेंद्र मोदी ने इसके जवाब में कहां कि वह उन सभी बेटियों को आश्वासन देते हैं कि बहुत ही जल्द रिपोर्ट आते ही उस पर सरकार अपनी कार्रवाई करेगी। आपको बता दें, कि 15 अगस्त मौके पर लाल किले से मोदी ने लड़कियों की शादी की उपयुक्त आयु निर्धारित करने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की थी। अभी देश में लड़कियों की शादी की आयु 18 वर्ष निर्धारित है जबकि लड़कों की आयु 21 वर्ष है।

कुपोषण के खिलाफ लड़ाई

प्रधानमंत्री ने आज कहा कि छोटी आयु में गर्भ धारण करना, शिक्षा की कमी, जानकारी का अभाव, शुद्ध पानी न होना, स्वच्छता की कमी, ऐसी अनेक वजहों से कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में जो अपेक्षित परिणाम मिलने चाहिए थे, वह नहीं मिल पाए। उन्होंने आगे कहां कि गर्भावस्था और नवजात शिशु के पहले 1000 दिनों को ध्यान में रखते हुए, मां और बच्चे दोनों के पोषण और देखभाल के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया गया। देश में आज गरीब बहनों, बेटियों को एक रुपये में सैनिटेशन पैड्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

इन अनाजों की हो पैदावार

प्रधानमंत्री ने गरीब कुपोषण के शिकार हुए लोगों को ध्यान में रखते हुए कहां कि वह इस कुपोषण से निपटने के लिए एक और महत्वपूर्ण दिशा में काम हो रहा है। देश में अब ऐसे फसलों को बढ़ावा मिलेगा जिससे पौष्टिक पदार्थ- जैसे प्रोटीन, आयरन, जिंक इत्यादि ज्यादा हो। मोटे अनाजों की पैदावार बढ़े, लोग अपने भोजन में इन्हें शामिल करें। एफएओ द्वारा वर्ष 2023 को मोटे अनाजों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने के भारत के प्रस्ताव को ‘‘पूरा समर्थन’’ देने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव पोषण और छोटे किसानों की आय, दोनों से जुड़ा हुआ है।

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छोटे किसानों को मिलेगा लाभ

अपनी बात को रखते हुए मोदी ने कहां कि इससे भारत ही नहीं विश्व भर को दो बड़े फायदे होंगे। एक तो पौष्टिक आहार प्रोत्साहित होंगे, उनकी उपलब्धता और बढ़ेगी। और दूसरा- जो छोटे किसान होते हैं, जिनके पास कम जमीन होती है, सिंचाई के साधन नहीं होते हैं, बारिश पर निर्भर होते हैं, ऐसे छोटे-छोटे किसान, उन्हें बहुत लाभ होगा। मोदी ने कहा कि भारत के किसान, कृषि वैज्ञानिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता, कुपोषण के खिलाफ आंदोलन का एक बहुत बड़ा मजबूत किला है, मजबूत आधार हैं। गरीब से गरीब तक पहुंचने में ये सरकार की मदद भी कर रहे हैं। इन सभी के प्रयासों से ही भारत कोरोना के इस संकटकाल में भी कुपोषण के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ रहा है।

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