लॉकडाउन: सरकारी समिति ने गृह मंत्रालय को दिए सुझाव, खोलें जाएं ये सेक्टर
देश में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिसकी वजह से लॉकडाउन को आगे बढ़ने की पूरी संभावना है। इस बीच एक सरकारी विभाग ने सरकार को सुझाव दिए हैं कि कैसे कुछ जरूरी सेक्टर में ढील देकर लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जा सकता है।
नई दिल्ली: देश में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिसकी वजह से लॉकडाउन को आगे बढ़ने की पूरी संभावना है। इस बीच एक सरकारी विभाग ने सरकार को सुझाव दिए हैं कि कैसे कुछ जरूरी सेक्टर में ढील देकर लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जा सकता है।
इसलिए जरूरी है ढील
औद्योगिक प्रोत्साहन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया है कि कुछ प्रमुख सेक्टर और गतिविधियों में जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ काम शुरू किया जा सकता है। DPIIT ने ऐसे जरूरी सेक्टर की सूची भी सौंपी है। DPIIT ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार लाने और लोगों के हाथ में नकदी पहुंचाने के लिए ये गतिविधियां जरूरी हैं।
बता दें कि देश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमितों की संख्या देश में 9 हजार से ऊपर तक पहुंच गई है, तो वहीं 300 से अधिक लोग कोरोना वायरस की वजह से जान गंवा चुके हैं। डीपीआईआईटी ने गृह मंत्रालय को सुझाव दिया है कि भारी इलेक्ट्रिकल्स और दूरसंचार उपकरण जैसे क्षेत्रों में एहतियाती उपायों के साथ सीमित स्तर पर काम शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए।
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विभाग की तरफ से एहतियाती उपायों के साथ जिन उद्योगों में एक शिफ्ट में कामकाज की अनुमति देने का सुझाव दिया है, उनमें आप्टिक फाइबर केबल, कम्प्रेसर एंड कन्डेंसर इकाइयां, इस्पात और फेरस एलॉय मिल, पावरलूम, लुग्दी और कागज इकाइयां, उर्वरक, पेंट, प्लास्टिक, वाहन इकाइयां, रत्न एवं आभूषण तथा सेज एवं निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) की सभी इकाइयां शामिल हैं।
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ट्रांसपोर्ट पर भी दिए सुझाव
यह भी कहा गया है कि अगर श्रमिकों को निर्माण स्थल पर रहने की अनुमति मिलती है तो आवास और निर्माण क्षेत्रों में भी काम शुरू करने की जरूरत है। विभाग ने राज्यों के बीच एवं राज्यों के अंदर सभी आकार के परिवहन वाहनों को भी चलाने की अनुमति देने का आग्रह किया है।
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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विभाग ने गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को लिखे पत्र में कहा है कि आर्थिक स्थिति में सुधार और लोगों के हाथों में नकदी पहुंचाने के लिए ये गतिविधियां जरूरी हैं। हालांकि गृह मंत्रालय ने अभी डीपीआईआईटी के इस पत्र का अभी जवाब नहीं दिया है।