DRDO ने किया कमाल, अब मोबाइल लैब से आएगी कोरोना की टेस्टिंग में तेजी

सरकार का पूरा जोर इस बात पर है कि कोरोना की जांच में तेजी लाकर इस वायरस से संक्रमित होने वाले का जल्द से जल्द इलाज किया जाए ताकि अन्य लोगों को इस वायरस का शिकार बनने से रोका जा सके।

Update: 2020-04-24 12:44 GMT
DRDO ने किया कमाल, अब मोबाइल लैब से आएगी कोरोना की टेस्टिंग में तेजी

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक लगाने के लिए ज्यादा से ज्यादा जांच करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार का पूरा जोर इस बात पर है कि कोरोना की जांच में तेजी लाकर इस वायरस से संक्रमित होने वाले का जल्द से जल्द इलाज किया जाए ताकि अन्य लोगों को इस वायरस का शिकार बनने से रोका जा सके। कोरोना की जांच में तेजी लाने के लिए एक बड़ी कामयाबी यह मिली है कि देश में पहली मोबाइल लैब तैयार हो गई है। इसे वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

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रोजाना दो हजार सैंपल की जांच संभव

यह मोबाइल लैब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्राट्रक्चर्स समूह की कंपनी आईकॉम टेली ने तैयार की है।

इसका नाम मोबाइल वायरोलॉजी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक्स लेबोरेटरी (एमवीआरडीएल) रखा गया है। इस लैब की मदद से रोजाना 2000 तक सैंपल की जांच की जा सकती है।

मानकों पर पूरी तरह खरी है लैब

डीआरडीओ से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस मोबाइल लैब को बनाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर के बायोसेफ्टी मानकों का पूरी तरह से ख्याल रखा गया है। यह लैब तमाम सुविधाओं से लैस है।

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इस लैब में इलेक्ट्रिक कंट्रोल, टेलीफोन केबल और सीसीटीवी जैसी सुविधाएं भी हैं। इस लैब में कोरोना की जांच करने के साथ ही ड्रग स्क्रीनिंग के लिए वायरस का कल्चर भी किया जा सकेगा।

डीआरडीओ के सूत्रों के मुताबिक लैब में प्रतिदिन दो हजार तक लोगों की जांच की जा सकेगी। इस लैब की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे जरूरत के हिसाब से देश के किसी भी हिस्से में ले जाया जा सकता है।

रक्षा मंत्री ने किया लैब का उद्घाटन

इस लेख का उद्घाटन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। लैब का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पूरा देश कोरोना को हराने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ रहा है।

कोरोना की जंग जीतने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के ठोस फैसलों के कारण ही आज भारत की स्थिति कोरोना के मामले में अन्य देशों की अपेक्षा बेहतर है।

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डीआरडीओ ने 15 दिन में किया कमाल

रक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना की जांच में डीआरडीओ की मोबाइल लैब महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने महज 15 दिनों में बायोसेफ्टी लेवल टू और लेवल थ्री के लैब की शुरुआत की है।

आमतौर पर ऐसी लैब को तैयार करने में छह महीने का वक्त लग जाता है। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की इस बात के लिए तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने देश में कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए 15 दिनों में यह कामयाबी हासिल की है। इस लैब के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के मामलों की जांच में तेजी आएगी।

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रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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