सिंधु नेत्र: चीन-पाक की हर चाल पर भारत की नजर, हिमालय से समुद्र तक रहेगी निगाह

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 28 फरवरी को हिंद महासागर क्षेत्र में सैन्य और मर्चेंट नेवी के जहाजों की गतिविधियों की निगरानी के लिए DRDO द्वारा विकसित एक उपग्रह ‘सिंधू नेत्र’ प्रक्षेपित किया।

Update: 2021-03-01 04:58 GMT
सिंधु नेत्र: चीन-पाक की हर चाल पर भारत की नजर, हिमालय से समुद्र तक रहेगी निगाह

नई दिल्ली: हिंद महासागर क्षेत्र में भारत अब चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर और करीब से नजर रख सकेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 28 फरवरी को हिंद महासागर क्षेत्र में सैन्य और मर्चेंट नेवी के जहाजों की गतिविधियों की निगरानी के लिए DRDO द्वारा विकसित एक उपग्रह ‘सिंधू नेत्र’ प्रक्षेपित किया।

देश की हर सीमाओं पर रखेगा नजर

ये सैटेलाइट पाकिस्तान, चीन समेत देश की हर सीमाओं पर नजर रखेगा। ताकि दुश्मन की सभी हरकतों का पता चल सके। DRDO का सिंधु नेत्र सैटेलाइट भारतीय समुद्री क्षेत्र में आने वाले हर तरह के मालवाहक, युद्धपोत, व्यापारिक जहाजों को ऑटोमैटिकली पहचान लेगा। रविवार को हुई लॉन्चिंग के बाद इस सैटेलाइट ने ग्राउंड से अपना संपर्क बना लिया है। साथ ही इसने अपना काम करना भी शुरू कर दिया है।

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सिंधु नेत्र सैटेलाइट को लेकर DRDO के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल तो इससे भारतीय समुद्री क्षेत्र की निगरानी की जाएगी, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसके द्वारा दक्षिण चीन सागर, एडेन की खाड़ी और अफ्रीकी तटों तक की निगरानी राखी जा सकती है।

LAC पर पर भी नजर

सिंधु नेत्र सैटेलाइट की मदद से भारतीय सेनाएं और जासूसी संस्थाएं लद्दाख समेत चीन से लगी सीमाओं और पाकिस्तान की सीमा पर नजर रख सकते हैं। इतना ही नहीं इस सैटेलाइट की मदद से 4000 किलोमीटर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भी नजर रखी जा सकती है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ऐसे चार से छह सैटेलाइट्स की और जरूरत भी पड़ने वाली है, ताकि भविष्य में सीमाई खतरों से बचा जा सके।

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आपको बता दें कि 28 फरवरी 2021 को इसरो ने PSLV-C51 रॉकेट से ब्राजील के Amazonia-1 सैटेलाइट के साथ 18 अन्य सैटेलाइट्स भी अंतरिक्ष में भेजे हैं। इस लॉन्च की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस साल की ये पहली सफल लॉन्चिंग है। वहीं लॉन्च पैड एक से ये 39वीं सफल लॉन्चिंग है। इसके अलावा स्पेस सेंटर से 78वीं लॉन्चिंग है। ये PSLV रॉकेट की 53वीं सफल उड़ान है। ISRO ने इस लॉन्चिंग के साथ अब तक 34 देशों के 342 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में स्थापित किया है।

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