अवैध खनन मामले में चंद्रकला समेत 11 पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस
उत्तर प्रदेश के अवैध रेत खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। निदेशालय की लखनऊ यूनिट ने अवैध खनन मामले में आईएएस बी.चंद्रकला व एमएलसी रमेश कुमार मिश्रा सहित 11 के खिलाफ केस दर्ज किया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अवैध रेत खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। निदेशालय की लखनऊ यूनिट ने अवैध खनन मामले में आईएएस बी.चंद्रकला व एमएलसी रमेश कुमार मिश्रा सहित 11 के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह केस सीबीआई की उस एफआईआर पर आधारित है, जिसमें राज्य के खनन मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 2012-2016 कार्यकाल के दौरान उनकी भूमिका की जांच की बात कही गई है।
गौततलब है कि अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। 2012 से 13 तक खनन मंत्रालय भी उन्हीं के पास था। सूत्रों के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2012-13 में 14 खनन टेंडर को मंजूरी दी थी, जिनकी जांच हो रही है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव से इस मामले में पूछताछ हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार द्वारा 2012 से 2016 के दौरान कुल 22 टेंडर पास किए गए, जिनमें 14 टेंडर अखिलेश के खनन मंत्री रहते पास किए गए।
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जल्द हो सकती है पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई इस मामले में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी नोटिस भेज सकती है। यह कार्रवाई सपा के शासन के दौरान बुंदेलखंड में हुए खनन घोटाले के सिलसिले में की गई। सीबीआई टीम इस सिलसिले में 2008 बैच की आईएएस अधिकारी चंद्रकला के साथ-साथ सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा और हमीरपुर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजीव दीक्षित के आवासों पर भी छापे मार चुकी है। सीबीआई ने लखनऊ, नोएडा, हमीरपुर और कानपुर में कुल 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने आईएएस अधिकारी के आवास से कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे।
सीबीआई ने जिन 11 लोगों को आरोपी बनाया था, ईडी ने भी उन्हें आरोपी बनाया है। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें आईएएस बी. चंद्रकला, हमीरपुर के खनन अफसर मोइनुद्दीन, खनन क्लर्क राम आसरे प्रजापति, रमेश कुमार मिश्रा, (लीज होल्डर), दिनेश कुमार मिश्रा, (लीज होल्डर), अम्बिका तिवारी, (लीज होल्डर), संजय दीक्षित (लीज होल्डर), सत्यदेव दीक्षित, (लीज होल्डर), रामअवतार सिंह (लीज होल्डर), करन सिंह (लीज होल्डर) व आदिल खान शामिल हैं। ईडी जल्द ही आरोपियों से पूछताछ करेगी। अखिलेश यादव की सरकार में चंद्रकला को हमीरपुर का जिलाधिकारी बनाया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने जुलाई 2012 के बाद सपा के कुछ नेताओं को हमीरपुर में मौरंग के खनन के 60 पट्टे अवैध रूप से आवंटित किए। उन पर ई-टेंडर के जरिये पट्टा स्वीकृत करने के नियमों की अनदेखी का आरोप है।
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हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई जांच
इलाहाबाद हाईकोर्ट में 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी मौरंग खनन के सभी 60 पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए। कोर्ट ने 28 जुलाई 2016 को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिया था।
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