तेज़ी से जा रहा आपका डेटा, इंटरनेट पर भी कोरोना वायरस का बढ़ा प्रकोप   

लॉकडाउन के कारण देश और प्रदेश की जनता घरों में बैठी है जिनका खाली समय मोबाईल, टीवी से ही गुजर रहा है तो जाहिर सी बात है कि इंटरनेट का बहुत बड़े स्तर पर उपभोग हो रहा है।

Update:2020-04-05 14:39 IST

लखनऊ: कोरोना वायरस के कारण फ़ैल रहे संक्रमण से बचाव करने के लिए पूरे देश के साथ उत्तर प्रदेश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। लॉकडाउन के कारण देश और प्रदेश की जनता घरों में बैठी है जिनका खाली समय मोबाईल, टीवी से ही गुजर रहा है तो जाहिर सी बात है कि इंटरनेट का बहुत बड़े स्तर पर उपभोग हो रहा है। दूसरे वे लोग जो वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं इससे इंटरनेट सेवा पर जबरदस्त लोड बढ़ गया है।

सामान्य दिनों में प्रति व्यक्ति अधिकतम खपत 11 से 12 जीबी

गौरतलब है कि वर्क फ्रॉम होम होने की वजह से तमाम निजी व सरकारी कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं। जिस वजह से सब का काम मोबाइल डेटा सेवा से ही चल रहा है। सामान्य दिनों में प्रति व्यक्ति अधिकतम खपत 11 से 12 जीबी थी, वह लॉकडाउन के समय 15-16 जीबी हो गया हैं। इसी में बच्चों की इंटरनेट क्लासें शुरू हो गईं। वो भी लगातार पांच-छह घंटें। जिस वजह से खपत का बढ़ना तया है।

ये सभी कारण है जिसकी वजह से मोबाइल डेटा की प्रतिदिन की खपत 143 टेराबाइट से बढ़कर 170 टेराबाइट तक पहुंच गई है।

सरकारी और नीजी कर्मचारियों द्वारा वर्क फ्रॉम होम की वजह से बढ़ी डाटा की खपत।

सभी स्कूलों ने आनलाइन पढाई भी शुरू कर दी है जिसके कारण स्कूली छात्र-छात्राएं इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

लॉक डाउन की वजह से कामकाजी महिलाएं भी अब घर में ही हैं जिसकी वजह से मोबाइल फोन से अब खूब बातें कर रही हैं और ढेर सारी फिल्म व सीरियल इंटरनेट के जरिए देख रही हैं।

 

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बीएसएनएल के थ्रीजी मोबाइल डेटा की खपत 170 टीबी

बीएसएनएल के यूपी ईस्ट सर्किल में थ्रीजी मोबाइल डेटा की हर दिन की खप्त 143 टीबी से बढ़कर 170 टीबी हो गई है। वहीं फोर जी की खपत 13 टीबी से बढ़कर 18 टीबी हो गई है। लॉकडाउन में डेटा के मुकाबले वायस कॉल की संख्या में कमी आई है। यह 9.46 लाख रोजाना से घटकर वर्तमान में 9 लाख हो गई है।

ब्राडबैंड इंटरनेट सेवा फिर से आने लगा पसंद

मोबाइल डेटा की अधिक खपत की वजह से ही अब लोगों को बेसिक फोन की ब्राडबैंड इंटरनेट सेवा फिर से आकर्षित करने लगा है। बीएसएनएल के पूर्वी सर्किल के जीएम मार्केंटिंग ने बताया कि लॉकडाउन में चार सौ नए कनेक्शन नए इश्यू किए गए हैं। साथ ही कई काटे गए कनेक्शनों के फिर से जोड़ देने की एप्लीकेशन आई है।

अब घरों पर रहने वाले लोग सोशल मीडिया की जगह परिवारीजन और रिश्तेदारों से सीधे मोबाइल फोन पर संपर्क कर रहे हैं। दूरसंचार विभाग की मानें तो अपनी बातों का 40 से 50 सेकेंड में पूरी करने वाले लोग सात से आठ मिनट तक अब बात कर रहे हैं।

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एक जीबी से अधिक डाटा हो रहा इस्तेमाल

यह समय सुबह 11 से दोपहर दो और शाम पांच से सात बजे तक का है। लॉकडाउन में महिलाएं हो या पुरुष या फिर बच्चे सभी लॉकडाउन में कोई यूट्यूब पर गाने देख रहा है तो कोई वेब सीरीज या कोई सीरियल। एक जीबी डाटा प्रतिदिन इस्तेमाल करने में 30 मिनट की मूवी और करीब 100 गानों को देखा जा सकता है। इस कारण प्रतिदिन ही एक जीबी से अधिक डाटा इस्तेमाल किया जा रहा है।

इंटरनेट की स्पीड भी हुई स्लो

मोबाइल डाटा स्पीड पर बोझ पड़ने से इंटरनेट की स्पीड भी धीमी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अधिसंख्य लोग इस बात के लिए तैयार नहीं थे कि उनको घर से ही काम करना पड़ेगा। ऐसे में जब लॉकडाउन हुआ तो मोबाइल हॉटस्पॉट से लैपटॉप को जोड़ा और काम शुरू किया। डेस्कटॉप को ज्यादा डेटा की जरूरत होती है।

सात दिन में कनेक्शन लेने का टूटा रिकार्ड

बीएसएनएल ने 22 से 28 मार्च के बीच यूपी ईस्ट में 400 से अधिक ब्रॉडबैंड के नए कनेक्शन दिए हैं। इसी तरह लखनऊ में रोजाना 30 से 35 नए कनेक्शन हो रहे हैं। इसके अलावा निजी कंपनियों और स्थानीय ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं के पास भी बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। बीएसएनएल के प्रधान महाप्रबंधक एके मिश्रा के अनुसार ब्रॉडबैंड शुरुआती प्लान में भी 10 एमबीपीएस की स्पीड मिलती है।

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दूरसंचार कंपनियों ने भी दिया अतिरिक्त टॉक टाइम और डाटा की सौगात

लॉकडाउन में दूरसंचार कंपनियों ने भी उपभोक्ताओं के लिए दिल खोल दिया है। बीएसएनएल के अलावा तमाम निजी कंपनियों ने भी ग्राहकों की वैधता अवधि बढ़ाते हुए अतिरिक्त टॉक टाइम और डाटा की सौगात दी है। इसके अलावा कंपनियां डाटा खपत के अनुसार अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दे रही हैं।

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