भयानक मुठभेड़ झारखंड पुलिस और उग्रवादियों में, हथियारों का ज़ख़ीरा बरामद

झारखंड पुलिस और पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई है। झारखंड जगुआर और ज़िला पुलिस बल ने क़रीब आधे घंटे तक मोर्चा संभाला। आमने-सामने की इस मुठभेड़ के बाद उग्रवादी घने जंगलों की तरफ भागने में कामयाब रहे।

Update:2020-11-28 19:13 IST

रांची: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम ज़िला के पोड़ाहाट जंगल में पुलिस और पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई है। झारखंड जगुआर और ज़िला पुलिस बल ने क़रीब आधे घंटे तक मोर्चा संभाला। आमने-सामने की इस मुठभेड़ के बाद उग्रवादी घने जंगलों की तरफ भागने में कामयाब रहे। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया तो बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए हैं। दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि, PLFI के दिनेश गोप, जीदन गुड़िया और दस्ता क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं।

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झारखंड में प्रतिबंधित है PLFI

पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया झारखंड में प्रतिबंधित संगठन है। हाल के दिनों में इस संगठन के प्रमुख समेत दस्ता के अन्य लोगों की मौजूदगी चाईबासा के आसपास देखी गई। लिहाज़ा, वरीय पुलिस अधिकारियों से निर्देश लेकर संगठन के खिलाफ अभियान चलाया गया। सर्च अभियान के दौरान ज़िला पुलिस और झारखंड जगुआर ने उग्रवादियों की चहलक़दमी को देखते हुए सरेंडर करने को कहा लेकिन PLFI के उग्रवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। लिहाज़ा, पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाला। हालांकि, अंधेरे का फायदा उठाकर उग्रवादी भागने में कामयाब रहे।

PLFI से ज़ब्त हथियार

मुठभेड़ के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान SLR-LMG, राइफल, कंट्री मेड पिस्टल, दो नाली बंदूक, एलएमजी का मैगजीन, राइफल का मैगजीन, ज़िंदा कारतूस, वॉकी-टॉकी, स्मार्ट फोन और अन्य ज़रूरत के सामान बरामद किए गए हैं।

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राजधानी तक PLFI उग्रवादियों की पहुंच

राजधानी रांची उग्रवादियों के निशाने पर है। पैसे वाले और रसूखदार लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PLFI के सरगना दिनेश गोप और चूहा जायसवाल के नाम पर रंगदारी मांगी जा रही है। पिछले दिनों ही धुर्वा थाना क्षेत्र में टेंट कारोबारी के घर गोलीबारी की गई और पैसे की मांग की गई। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रांची पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बीते 18 नवंबर को 05 PLFI उग्रवादियों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया। PLFI के सरगना की तलाश जारी है। रांची एसएसपी सुरेंद्र झा ने कहा है कि, PLFI के उग्रवादी जंगल में हों या फिर शहर में कहीं भी बख्शा नहीं जाएगा।

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नक्सल प्रभावित राज्य झारखंड

झारखंड में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन नक्सल समस्या से निजात नहीं मिल सकी। वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार के सामने भी नक्सल गतिविधि एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आज भी राज्य के 24 में से ज्यादातर ज़िले नक्सल प्रभावित हैं। राज्य में भाकपा माओवादी के अलावा PLFI, तृतीय प्रस्तुति कमेटी यानी TPC और झारखंड जनमुक्ति परिषद यानी JJMP के उग्रवादी-नक्सली सक्रिय हैं।

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पूर्व की रघुवर दास सरकार के समय नक्सलियों को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया गया था। तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने भरोसा जताया था कि, नक्सलियों को सिर नहीं उठाने दिया जाएगा। हालांकि, धरातल पर आज भी नक्सली सक्रिय हैं और वर्तमान सरकार के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। खास बात ये है कि, नक्सली-उग्रवादी जंगलों से निकल कर अब शहरों की तरफ रूख़ कर रहे हैं।

रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट

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