Fake Currency in India: फिर बढ़ने लगी नकली करेंसी, इनका है पाकिस्तान कनेक्शन

Fake Currency in India: 2019 के बाद से एनआईए ने जाली मुद्रा के 26 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से अधिकांश पाकिस्तान कनेक्शन से जुड़े हैं। जब्त की गई नकली मुद्रा की कुल फेस वैल्यू 20.1 करोड़ रुपये है।

Update: 2023-06-01 10:00 GMT
Fake currency in india (photo: social media )

Fake Currency in India: नोटबन्दी के सात साल बाद, उच्च मूल्यवर्ग की नकली करेंसी फिर भारत में वापस आ रही है। हाल के दिनों में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में जाली नोटों से संबंधित कई मामले दर्ज किए हैं। 2019 के बाद से एनआईए ने जाली मुद्रा के 26 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से अधिकांश पाकिस्तान कनेक्शन से जुड़े हैं। जब्त की गई नकली मुद्रा की कुल फेस वैल्यू 20.1 करोड़ रुपये है।

500 के नोट

भारतीय रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल की तुलना में 2022-23 में बैंकिंग प्रणाली द्वारा पकड़े गए 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या 14.4 प्रतिशत बढ़कर 91,110 नोट हो गई है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इसी अवधि में सिस्टम द्वारा पकड़े गए 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नकली नोटों की संख्या 28 प्रतिशत घटकर 9,806 नोट रह गई।

हालांकि बैंकिंग क्षेत्र में पकड़े गए नकली नोटों की कुल संख्या पिछले वित्तीय वर्ष में 2,30,971 नोटों की तुलना में 2022-23 में घटकर 2,25,769 नोट रह गई। लेकिन तब भी इतने नोटों का पकड़ा जाना बड़ी बात है।

बीस रुपये के नोट

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में 20 रुपये के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि और 500 रुपये (नए डिजाइन) मूल्यवर्ग में 14.4 प्रतिशत की वृद्धि बताई गई है। वहीं 10 रुपये, 100 रुपये और 2,000 रुपये के नकली नोटों में क्रमश: 11.6 प्रतिशत, 14.7 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। आरबीआई ने इस दौरान 78,699 नकली 100 रुपये के नोट और 27,258 नकली 200 रुपये के नोटों की सूचना दी।

वार्षिक रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2022-23 के दौरान सुरक्षा मुद्रण पर खर्च 4,682.80 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले वर्ष यह 4,984.80 करोड़ रुपये था।

कहां से आ रहे नकली नोट

भारत में नकली नोटों की खेप ज्यादातर सीमापार से आती है। पाकिस्तान और नेपाल के जरिए ऐसे नकली नोट भारत में लाए जाते हैं। नकली नोट को लेकर एनआईए ने भी हाल के सालों में कई राज्यों में छापेमारी की है और इससे जुड़े मामले भी दर्ज किए हैं। बाजार में अब ऐसे भी नकली नोट मौजूद हैं जिनकी पहचान आसानी से नहीं की जा सकती है।

नकली नोटों से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक समय-समय पर सुरक्षा फीचर्स नोटों में जोड़ता रहता है।

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