किसानों का आंदोलन: दिल्ली के 5 एंट्री प्वाइंट्स को करेंगे ब्लॉक, दी ये बड़ी चेतावनी

किसानों से जुड़े कृषि विधेयक के विरोध को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में आने पर बातचीत करने की सरकार की अपील को ठुकराते हुए कहा कि वे दिल्ली की सीमाओं पर ही डटे रहेंगे।

Update:2020-11-30 09:47 IST
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से आज संयुक्त किसान मोर्चा के महाराष्ट्र से जुड़े किसान नेताओ ने मुलाकात की। ये किसान नेता सिंघु बॉर्डर और पलवल पर प्रदर्शन में शामिल हैं।

नई दिल्ली: कृषि बिल के विरोध को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के धरने का आज पांचवां दिन है। किसानों ने सरकार की अपील को ठुकराते हुए अपना पहला फैसला सुना दिया है। दरअसल, किसान संगठनों के नेताओं ने देश की राजधानी में प्रवेश के सभी 5 रास्तों को बंद करने की चेतावनी दी है।

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दिल्ली की सीमाओं पर ही डटे रहेंगे किसान

किसानों से जुड़े कृषि विधेयक के विरोध को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में आने पर बातचीत करने की सरकार की अपील को ठुकराते हुए कहा कि वे दिल्ली की सीमाओं पर ही डटे रहेंगे। भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी हरेंद्र सिंह लाखोवाल ने कहा कि सभी किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि वे सिधु बॉर्डर पर ही बैठे रहेंगे और आने वाले दिनों में दिल्ली की ओर जाने वाली अन्य सड़कों को भी जाम करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यह पंजाब के 30 किसान संगठनों का फैसला है।

गौरतलब है कि कृषि बिल का विरोध कर रहे किसान जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की इजाजत मांग रहे हैं। लेकिन केंद्र ने कोरोना गाइडलाइंस का हवाला देते हुए उन्हें प्रदर्शन देने से इनकार कर दिया है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड आकर प्रदर्शन करने की अपील करते हुए उन्हें आश्वासन दिया था कि बुराड़ी ग्राउंड शिफ्ट होने के दूसरे दिन ही भारत सरकार उनके साथ चर्चा के लिए तैयार है।

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बुराड़ी ग्राउंड एक खुली जेल: किसान नेता

हालांकि किसानों ने गृहमंत्री की पेशकश के बाद अपना पहला फैसला सुना दिया है। किसान नेताओं ने कहा कि इस तरह शर्तों के आधार पर बात करने के लिए तैयार नहीं है। रविवार को किसान नेताओं ने कहा कि बुराड़ी ग्राउंड एक खुली जेल है और वो वहां नहीं जाएंगे।

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