किसान आंदोलन: आंदोलन जारी, सिंघु बॉर्डर पर जलाई कृषि कानूनों की प्रतियां
किसान संगठनों का दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन जारी है। सिंघु बॉर्डर पर बुधवार शाम को प्रदर्शनकारी किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने बताया कि आज कानून की प्रतियां जलाई गईं।
नई दिल्ली: किसान आंदोलन के करीब 50 दिन बीत चुके हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानो के लिए लोहड़ी का दिन ख़ास होता है।किसान संगठनों का दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन जारी है। सिंघु बॉर्डर पर बुधवार शाम को प्रदर्शनकारी किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने बताया कि आज कानून की प्रतियां जलाई गईं।
कानून नकारते हुए उन्हें रद्द करने का देश भर के किसानों ने पुनः जोर दिया। किसान संघर्ष समन्वय समिति ने जारी बयान में बताया कि किसान आन्दोलन के सभी पहलुओं को तेज करने की तैयारी है।
ये भी पढ़ें- Sputnik 5 : भारत को जल्द मिलेगी तीसरी वैक्सीन, तैयार होगी 10 करोड़ खुराक
किसान संगठनों ने दिल्ली के पास के सभी जिलों से दिल्ली में गणतंत्र दिवस किसान ट्रैक्टर परेड की तैयारी करने का आह्नान किया है। 18 जनवरी को महिला किसान दिवस के आयोजन की तैयारी है। एआईकेएससीसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने किसानों की कानून रद्द करने की मांग पर गलत तथ्य पेश किये, उनके दिये तर्क नहीं बताए।
हेमा मालिनी ने कहा- धरना दे रहे किसानों को नहीं पता कानून में समस्या, किसी के कहने पर बैठे
भारतीय जनता पार्टी की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने धरने पर बैठे किसानों को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। हेमा मालिनी का कहना है कि जो किसान धरने पर बैठे हैं, उन्हें कानून में समस्या ही नहीं पता है।
ये भी पढ़ें-कर्नाटक कैबिनेट विस्तार: 17 महीने में तीसरी बार हुआ ऐसा, इनको मिली जगह
राहुल ने किसानो के लिए किया ट्वीटः
किसान आंदोलन पर बोली सांसद हेमा मालिनी :
बॉलीवुड अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी ने किसानों के आंदोलन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हेमा मालिनी ने कहा कि जो किसान धरने पर बैठे हैं, उन्हें कानून में समस्या ही नहीं पता है।
ये भी पढ़ेंः तड़प-तड़पकर मरा किसान! धरनास्थल पर निगला जहर, कृषि कानून के खिलाफ दी जान
SC के समिति बनाने वाली फैसले के खिलाफ किसान :
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन और कृषि कानूनों की वैधता के निस्तारण के लिए चार सदस्यीय समिति बनाने का आदेश दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने जिन चार लोगों के नाम समिति के लिए सुझाये हैं वो हैं- भूपेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी और अनिल घंवत। भूपेंद्र मान, भारतीय किसान यूनियन के नेता हैं। प्रमोद जोशी अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान में पॉलिसी हेड रहे हैं। अशोक गुलाटी कृषि वैज्ञानिक हैं। वहीं अनिल धनवंत महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन से जुड़े हैं। हालाँकि किसानों ने इस समिति की मान्यता से इनकार कर दिया है।
ये भी पढ़ें- अच्छी खबर: भारत को जल्द मिलेगी दो और कोरोना वैक्सीन, ऐसे तय होगी कीमत
किसान जलाएंगे कृषि कानूनों की प्रतियां:
वहीं आज किसान आंदोलन जारी रखते हुए दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। लोहड़ी की आग में वह इस कानून की आहुति देंगे। बता दें कि यूपी गेट पर तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर किसान 50 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की तरफ से लगातार कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है। किसान की लोहड़ी कार्यक्रम का आयोजन यूपी गेट पर शाम साढ़े पांच बजे किया जाएगा। मंच के पास लोहड़ी जलाई जाएगी।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।