किसान आंदोलन: गन्ना किसानों को मिला तोहफा, पीएम मोदी ने की कैबिनेट बैठक
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस साल सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का निर्णय किया है। किसानों के खाते में सीधे सब्सिडी जाएगी, इसमें 3500 करोड़ खर्च होंगे। इसके अलावा 18000 करोड़ रुपये की आय भी किसानों को दी जाएगी।
नई दिल्ली: किसान आंदोलन अपने चरम पर हैं। आंदोलन का आज 21वां दिन है। पिछले लगातार 20 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे देश के कई राज्यों के किसानों ने आवागमन बाधित कर दिया है। ऐसे में अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया। किसान आंदोलन को लेकर बुधवार को देश की सर्वोच्च अदालत में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानून, किसान आंदोलन और अन्य मसलों पर अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई थीं।
सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ये राष्ट्रीय स्तर का मसला है
सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि ये राष्ट्रीय स्तर का मसला है, ऐसे में इसमें आपसी सहमति होनी जरूरी है। अदालत की ओर से दिल्ली की सीमाओं और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की लिस्ट मांगी गई है, जिससे पता चल सके कि बात किससे होनी है।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई
कृषि कानून को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फैसलों की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आज गन्ने किसानों को लाभ देने वाला, पूर्वोत्तर में बिजली और स्पेक्ट्रम को लेकर फैसले लिए गए।
कृषि कानून पर रोष के बीच गन्ना किसानों के लिए फैसला
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस साल सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का निर्णय किया है। किसानों के खाते में सीधे सब्सिडी जाएगी, इसमें 3500 करोड़ खर्च होंगे। इसके अलावा 18000 करोड़ रुपये की आय भी किसानों को दी जाएगी।
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5 करोड़ किसानों को फायदा होगा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इससे 5 करोड़ किसानों को फायदा होगा, 5 लाख मजदूरों को फायदा होगा। मंत्री के मुताबिक, एक हफ्ते के भीतर ही 5000 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी किसानों को मिलेगी। 60 लाख टन चीनी को 6 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से निर्यात किया जाएगा।
प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, इस साल शक्कर का उत्पादन 310 लाख टन होगा, देश की खपत 260 लाख टन है। शक्कर का दाम कम होने की वजह से किसान और उद्योग संकट में है, इसको मात देने के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और निर्यात को सब्सिडी देने का फैसला किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि ये राष्ट्रीय स्तर का मसला है, ऐसे में इसमें आपसी सहमति होनी जरूरी है। अदालत की ओर से दिल्ली की सीमाओं और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की लिस्ट मांगी गई है, जिससे पता चल सके कि बात किससे होनी है। अदालत ने कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों से ऐसा लगता है कि सरकार-किसान के बीच सीधे तौर पर इसका कोई हल नहीं निकल रहा है।
संजय राउत ने कहा- पीएम खुद किसानों से बात करें
किसान आंदोलन पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सरकार अगर चाहती तो किसानों के साथ बैठकर आधे घंटे में यह मसला खत्म कर सकती है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री खुद हस्तक्षेप करेंगे तो यह पांच मिनट में हल हो जाएगा। मोदी जी इतने बड़े नेता हैं उनकी बात सब लोग मानेंगे। आप (PM) खुद बात कीजिए, देखिए क्या चमत्कार होता है।
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अबतक समझौता क्यों नहीं हुआ-सुप्रीम कोर्ट
अदालत ने कहा है कि वो किसान संगठनों का पक्ष सुनेंगे, साथ ही सरकार से पूछा कि अबतक समझौता क्यों नहीं हुआ। अदालत की ओर से अब किसान संगठनों को नोटिस दिया गया है, अदालत का कहना है कि ऐसे मुद्दों पर जल्द से जल्द समझौता होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- सड़कें किसने बंद की है?
-अदालत में वकील जीएस मणि ने कहा कि मैं किसान परिवार से आता हूं, इसलिए अपील की है। जिसपर अदालत ने उनसे जमीन के बारे में पूछा, वकील ने बताया कि उनकी ज़मीन तमिलनाडु में है। जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि तमिलनाडु की स्थिति को पंजाब-हरियाणा से नहीं तोला जा सकता है।
-चीफ जस्टिस ने अदालत में कहा कि जो याचिकाकर्ता हैं, उनके पास कोई ठोस दलील नहीं है। ऐसे में रास्ते किसने बंद किए हैं। जिसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस ने रास्ते बंद किए हैं। जिसपर CJI ने कहा कि जमीन पर मौजूद आप ही मेन पार्टी हैं।
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किसान सही या सरकार, SC में सुनवाई शुरू
सुप्रीम कोर्ट में आज किसान आंदोलन से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है। याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग केस का हवाला दिया गया। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ये एक महत्वपूर्ण विषय है। सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से अपील की है कि हरीश साल्वे ऐसे ही एक मामले में दलील देना चाहते हैं। हालांकि, जज की ओर से हरीश साल्वे को बहस में शामिल करने से इनकार कर दिया गया।
किसानों ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर फिर बंद किया
किसानों ने एक बार फिर दिल्ली और नोएडा सीमा को बंद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई से पहले किसानों ने अपने आंदोलन को धार दी है। कुछ दिन पहले नोएडा सीमा को खोला गया था, लेकिन अब दूसरे संगठन ने यहां मोर्चा संभाला है।
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कांग्रेस नेता सिद्धू ने उठाया इंश्योरेंस का मुद्दा
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर कृषि कानूनों के मसले पर सरकार पर निशाना साधा है। नवजोत सिद्धू ने वीडियो ट्वीट कर कहा कि इंश्योरेंस के नाम पर किसानों को लूटने का काम हो रहा है और कंपनियों को सीधा फायदा हो रहा है। पहले जब सरकारी कंपनी इंश्योरेंस करती थी, तबतक किसान को फायदा होता था।
किसानों के आंदोलन का आज 21वां दिन
केंद्र की कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 21वां दिन है। यूपी, हरियाणा-पंजाब और राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों से दिल्ली पहुँचे किसान यहां सिंघु बॉर्डर समेत कई अन्य रास्तों पर बैठे हुए हैं। जिससे आवागमन ठप हो गया है।
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किसान आंदोलन मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज किसान आंदोलन से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। इनमें दिल्ली की सीमाओं पर भीड़ इकट्ठा करने, कोरोना वायरस के संकट को लेकर याचिका लगाई गई है। इसके अलावा किसान आंदोलन में मानवाधिकारों, पुलिस एक्शन और किसानों की मांग मानने की अपील की गई है। बता दें कि चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी।
किसान संगठन अड़े, बोले कृषि कानून में संशोधन स्वीकार्य नहीं, रद्द हो
बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार को लिखित में जवाब दिया गया है. किसान मोर्चा ने सरकार से अपील की है कि वो उनके आंदोलन को बदनाम ना करें और अगर बात करनी है तो सभी किसानों से एक साथ बात करें।
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