कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी, सरकार से बातचीत पर होगा फैसला
आंदोलन कर रहे किसानों को आज केंद्र सरकार बातचीत के लिए बुलाया है। कोरोना संकट और ठंड के मद्देनजर सरकार ने 3 दिसंबर को होने वाली बातचीत पहले ही बुला ली है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मंथन से कोई हल निकल सकता है।
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों को दिल्ली में बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई, लेकिन वह बीते पांच दिनों से सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर ही डटे हुए हैं। अब दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर को बंद कर दिया है। किसानों की चेतावनी को देखते हुए दिल्ली के सभी एंट्री प्वांइट्स पर भी कड़ी चौकसी बरती जा रही है।
आंदोलन कर रहे किसानों को आज केंद्र सरकार बातचीत के लिए बुलाया है। कोरोना संकट और ठंड के मद्देनजर सरकार ने 3 दिसंबर को होने वाली बातचीत पहले ही बुला ली है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मंथन से कोई हल निकल सकता है। किसान बीते कई दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। लेकिन बातचीत पर संशय बरकरार है, क्योंकि किसानों ने मीटिंग में यह फैसाल लेंगे कि वह सरकार से बातचीत करेंगे या नहीं।
पंजाब किसान संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सुखविंदर सब्रन का कहना है कि देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार की तरफ से सिर्फ 32 समूहों को बातचीत के लिए बुलाया गया है। बाकी को सरकार ने नहीं बुलाया गया है। हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाएगा।
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दिल्ली पुलिस ने कई धाराओं में दर्ज की एफआईआर
सिंघु बॉर्डर पर 27 नवंबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बवाल किया था। प्रदर्शनकारी किसानों ने बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसने की कोशिश थी। इसके बाद दिल्ली के अलीपुर पुलिस स्टेशन में धारा 186, 353, 332, 323, 147, 148, 149, 279, 337, 188, 269, और 3 PDPP एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है। इस बीच सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को लेकर हाईवे पर किसानों की बैठक चल रही है।
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पीएम मोदी ने किसानों को दिया भरोसा
किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देव दीपावली के दिन वाराणसी से कृषि कानून पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने कृषि कानूनों के फायदे गिनाएं और इसे किसानों के लिए हितकारी बताया। इसके पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल किसानों को बर्गला रहे हैं और सरकार के खिलाफ उकसा रहे हैं।
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