किसानों की ट्रैक्टर रैली: सरकार ने दाखिल किया हलफनामा, सुप्रीम कोर्ट से की ये अपील

दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान आंदोलन मामले में सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद केंद्र सरकार ने सोमवार देर रात कोर्ट में प्रारंभिक हलफनामा दाखिल किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को रोकने की अपील की है।

Update: 2021-01-12 04:25 GMT
किसानों की ट्रैक्टर रैली: सरकार ने दाखिल किया हलफनामा, सुप्रीम कोर्ट से की ये अपील

नई दिल्ली: दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान आंदोलन मामले में सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद केंद्र सरकार ने सोमवार देर रात कोर्ट में प्रारंभिक हलफनामा दाखिल किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को रोकने की अपील की है।

दरअसल, प्रदर्शनकारी किसानों ने कृषि कानूनों को लेकर अपनी मांगें न पूरी होने की सूरत में 26 जनवरी को दिल्ली में विशाल ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है। किसानों का कहना है कि उनकी इस विशाल रैली में कम से कम 20 हजार ट्रैक्टर शामिल होंगे।

बता दें कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि प्रदर्शनकारियों की 'गलत धारणा' को दूर करने की जरूरत है। हलफनामे में केंद्र द्वारा कहा गया है कि कृषि सुधार कानून जल्दबाजी में नहीं बने हैं, बल्कि ये तो दो दशकों के विचार-विमर्श का परिणाम है। देश के किसान खुश हैं, क्योंकि हमने MSP पर खरीद, ज़मीन की सुरक्षा, सिविल कोर्ट जाने का अधिकार जैसी बात कहीं हैं, लेकिन आंदोलनकारी कानून रद्द करने की ज़िद करते रहे।

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गौरतलब है कि सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के रवैये को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी। इस दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने सरकार से कहा था कि कृषि कानूनों पर आपने रोक नहीं लगाई तो हम रोक लगा देंगे। इस मामले को आप सही तरीके से हैंडल नहीं कर पाए। हमें कुछ एक्शन लेना पड़ेगा।

45 पेज का हलफनामा

45 पेज का हलफनामा जारी करते हुए केंद्र ने कहा कि सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान यह संदेश गया कि सरकार ने जल्दबाजी में यह कानून पारित किया और सरकार ने पर्याप्त सलाह मशविरा नहीं किया। ये गलत है। अपने हलफनामे में कृषि मंत्रालय ने शीर्ष अदालत को बताया कि प्रदर्शनकारियों में यह गलत धारणा है कि केंद्र सरकार और संसद ने कभी भी किसी भी समिति द्वारा परामर्श प्रक्रिया का पालन करते हुए मुद्दों की जांच नहीं की है। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर करने के लिए किसानों के साथ जुड़ने की पूरी कोशिश की है। किसी भी प्रयास में कमी नहीं की गई है।

स्वार्थी तत्वों ने फैलाईं गलतफहमी

कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया कि हम उस गलत धारणा को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि संसद ने कानून पारित करने से पहले परामर्श प्रक्रिया को नहीं अपनाया था। ये धारणाएं प्रदर्शन स्थलों पर मौजूद गैर किसान तत्वों ने फैलाई हैं। कुछ किसानों और उनके यूनियनों ने चंद निहित स्वार्थी लोगों द्वारा बनाई गई आशंकाओं, गलतफहमियों और गलत धारणाओं के आधार पर किसानों के अनुकूल नए बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन किया है, जो पंजाब से दिल्ली और उसके आसपास आ गए हैं।

ट्रैक्टर मार्च के खिलाफ अर्जी दाखिल

दिल्ली पुलिस ने भी प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की मंशा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस अर्जी में दिल्ली पुलिस ने कहा कि 26 जनवरी को किसानों के द्वारा ट्रैक्टर रैली न निकालने का आदेश सुप्रीम कोर्ट जारी करे। कोर्ट आज यानी मंगलवार को केंद्र की इस अर्जी पर सुनवाई कर सकता है।

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