सड़क से संसद तक किसानों का हल्ला बोल, 3 अध्यादेशों के खिलाफ प्रदर्शन

किसानों से जुड़े तीन अध्यादेशों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। कई किसान संगठनों के अलावा राजनीतिक दल भी इन अध्यादेशों के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर कर रहे हैं।

Update: 2020-09-16 04:11 GMT
किसानों से जुड़े तीन अध्यादेशों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। कई किसान संगठनों के अलावा राजनीतिक दल भी इन अध्यादेशों के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर कर रहे हैं।

नई दिल्ली : किसानों का आंदोलन शुरू हो गया है। सरकार की नीतियों के खिलाफ किसानों ने धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। आज यानि बुधवार को भारतीय किसान यूनियन से बड़ी संख्या में जुड़े किसान अध्यादेश के खिलाफ संसद के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि अकाली दल भी इसके विरोध में वोटिंग करेगा। किसानों से जुड़े तीन अध्यादेशों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। कई किसान संगठनों के अलावा राजनीतिक दल भी इन अध्यादेशों के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर कर रहे हैं।

संसद के बाहर धरना

भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह का कहना है कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान कृषि क्षेत्र से जुड़े 3 विधेयकों के विरोध में बुधवार को संसद के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। किसान संगठन ही नहीं, बल्कि मोदी सरकार के सहयोगी भी इसके विरोध में खड़े है। बताया जा रहा है कि पंजाब में बीजेपी की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल अध्यादेश पर नाराज है।

 

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किसान विरोधी नीतियों

मंगलवार को इससे पहले वाम दलों के सदस्यों ने 'किसान विरोधी नीतियों' को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर संसद परिसर में धरना दिया। वामपंथी सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया और वे अध्यादेशों के माध्यम से केंद्र द्वारा लाई गई 'किसान विरोधी नीतियों' को वापस लेने की मांग कर रहे थे।

सोशल मीडिया से

 

राहुल गांधी का हमला

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा लगातार मोदी सरकार पर हमला करना जारी है। बुधवार को भी राहुल ने कोरोना काल के दौरान मोदी सरकार की विफलताओं को गिनाया और निशाना साधा।

सड़कों पर किसान

बता दें कि सोमवार को 3 विधेयक किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 पास किए हैं। तीनों अध्यादेश आने के बाद से ही किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। अब इन्हें बिल के रूप में पेश किया गया है। सरकार जल्द ही इन बिल को पास कराने की तैयारी में है। लेकिन उसके अपने सहयोगी ही विरोध में खड़े होते दिख रहे हैं। पंजाब के अलग-अलग इलाकों में भी किसान सड़कों पर हैं। रोड जाम कर रहे हैं और अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

 

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