INDIA Alliance: INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग पर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, जल्द सहमति नहीं बनी तो कुछ दल बना सकते हैं अलग ग्रुप

INDIA Alliance: विपक्षी दलों ने सीट शेयरिंग के मुद्दे पर चर्चा जरूर शुरू कर दी है मगर कई राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-01-19 09:41 IST

Farooq on Kashmir Militant Attack (photo: social media )

INDIA Alliance: इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बनाया है। विपक्षी दलों ने सीट शेयरिंग के मुद्दे पर चर्चा जरूर शुरू कर दी है मगर कई राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया है। सीट बंटवारे का मुद्दा उलझने के बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि यदि सीट शेयरिंग के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच जल्द सहमति नहीं बन पाती है तो यह विपक्षी अलायंस के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि यह काम समय रहते पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि लोकसभा सीटों को लेकर इंडिया ब्लॉक के दलों में जल्द सहमति नहीं बनी तो गठबंधन में शामिल कुछ दल अलग ग्रुप बनाने की कोशिश कर सकते हैं। यह कदम गठबंधन के लिए काफी बड़ा खतरा होगा।

मामला नहीं सुलझा तो गठबंधन के लिए बड़ा खतरा

दरअसल कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति इन दिनों विभिन्न राज्यों में सीट बंटवारे के मुद्दे पर सहयोगी दलों के साथ चर्चा करने में जुटी हुई है। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार और गोवा समेत कई राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है। कांग्रेस नेता इस बाबत दो दो दौर की बातचीत कर चुके हैं मगर अभी तक मामला नहीं सुलझा सका है। इसी के मद्देनजर डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि अभी भी समय है और समय रहते सीट बंटवारे का मुद्दा सुलझाया जाना चाहिए। यदि इस काम को जल्दी पूरा नहीं किया गया तो यह गठबंधन के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। गठबंधन में शामिल कुछ दल अलग ग्रुप बना सकते हैं जिससे विपक्षी इंडिया ब्लॉक को बड़ा झटका लग सकता है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर अब्दुल्ला ने यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के यूट्यूब चैनल पर एक चर्चा के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अब काफी कम समय बचा है। इसलिए सीट बंटवारे के मुद्दे को जल्द सुलझाया जाना चाहिए।

कांग्रेस की कमेटी कर रही है बातचीत

सीट बंटवारे के मुद्दे पर सहयोगी दलों से बातचीत के लिए कांग्रेस ने राष्ट्रीय अलायंस कमेटी का गठन किया है जिसका संयोजक वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक को बनाया गया है। इस कमेटी में अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश जैसे वरिष्ठ नेताओं को सदस्य बनाकर सहयोगी दलों के साथ चर्चा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इन नेताओं ने विभिन्न राज्यों में सहयोगी दलों के नेताओं के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा भी की है मगर अभी तक किसी भी राज्य में सीट बंटवारे का आखिरी फैसला नहीं किया जा सका है।

बंगाल में ममता के सख्त तेवर से मामला उलझा

पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे का मुद्दा सबसे ज्यादा उलझा हुआ है क्योंकि राज्य में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी ने कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने का प्रस्ताव किया है। टीएमसी इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए भी तैयार नहीं है। टीएमटी नेता कांग्रेस को राज्य में पार्टी की हैसियत की याद दिला रहे हैं टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने इस संबंध में सख्त तेवर अपना रखा है जिस पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी काफी नाराज हैं।

इसके साथ ही ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन में शामिल वाम दलों के साथ राज्य में कोई भी तालमेल करने को तैयार नहीं हैं। ममता के इस तेवर के कारण पश्चिम बंगाल में मामला पूरी तरह उलझ गया है और अभी तक सीट बंटवारे पर कोई बातचीत तक नहीं शुरू हो सकी है।

आप ने कई राज्यों में कांग्रेस को मुश्किल में डाला

पश्चिम बंगाल की तरह ही दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भी सख्त तेवर अपना रखा है। आप ने दिल्ली में कांग्रेस को तीन और पंजाब में 6 सीटें देने का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस की पंजाब इकाई आम आदमी पार्टी के साथ चुनावी तालमेल के खिलाफ है। पंजाब कांग्रेस के नेता राज्य में अपने दम पर चुनाव लड़ने की वकालत कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से हरियाणा, गुजरात और गोवा में भी सीटों की मांग की है जिसे लेकर कांग्रेस मुश्किल में फंस गई है। यही कारण है कि अभी तक आप के साथ भी सीट शेयरिंग के मुद्दे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में भी मुश्किलें

बिहार और महाराष्ट्र में भी सीट शेयरिंग का मुद्दा उलझा हुआ है। बिहार में जदयू और राजद की ओर से कांग्रेस को डिमांड के मुताबिक सीटें नहीं दी जा रही हैं। कांग्रेस की ओर से बिहार में नौ सीटों की मांग की जा रही है मगर जदयू और राजद कांग्रेस को इतनी ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं।

महाराष्ट्र में भी उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना और शरद पवार के एनसीपी गुट के साथ सीट शेयरिंग का मुद्दा नहीं सुलझ सका है। कांग्रेस उद्धव गुट की ओर से मांगी गई सीटों की डिमांड पूरी करने के लिए तैयार नहीं दिख रही है।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है। दोनों दलों के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है मगर अभी तक सीट बंटवारे का मुद्दा फाइनल नहीं हो सका है।

ऐसे में फारूक अब्दुल्ला का बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरा देश चुनावी मोड में आ जाने की संभावना है मगर विपक्षी गठबंधन अभी तक सीट बंटवारे के मुद्दे को लेकर ही उलझे हुए हैं।

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