टैक्सपेयर्स के लिए खुशखबरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही बड़ी बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदताओं को बड़ी खुशखबरी दी है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि करदाता राष्ट्र निर्माता है और सरकार उनके लिए एक चार्टर ऑफ राइट्स लाएगी।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदताओं को बड़ी खुशखबरी दी है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि करदाता राष्ट्र निर्माता है और सरकार उनके लिए एक चार्टर ऑफ राइट्स लाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने ईमानदार करदाताओं की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं।
निर्मला सीतारण ने कहा कि प्रक्रिया को आसान बनाया गया है, पारदर्शिता बढ़ाई गई है और कर की दरों को सुसंगत बनाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं उस सरकार का हिस्सा हूं जिसकी अगुआई एक ऐसा प्रधानमंत्री कर रहा है जो ईमानदारी से यह बात सोचता है कि भारतीय करदाताओं को बेहतर सुविधाएं दी जानी चाहिए। हमने भारतीय करदाताओं को चार्टर ऑफ राइट्स देने की घोषणा की है।
सीतारमण ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि दुनिया में कुछ ही देश हैं जहां करदाताओं के लिए चार्टर ऑफ राइट्स है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसमें करदाताओं के दायित्व और अधिकारों का उल्लेख होगा। हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।
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वित्त मंत्री ने कहा कि हमने आत्मनिर्भर अभियान के हिस्से के तौर पर इसकी घोषणा की थी। हम करदाताओं को चार्टर ऑफ राइट्स देने के लिए बेकरार हैं। बजट में टैक्सपेयर्स चार्टर की घोषणा की गई थी। माना जा रहा है कि इसका वैधानिक दर्जा होगा और यह नागरिकों को अधिकार देगा।
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'करदाताओं को राष्ट्र निर्माता कहते हैं PM'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करदाताओं को राष्ट्र निर्माता कहते हैं और उनका कहना है कि एक ईमानदार करदाता देश के निर्माण में मदद करता है। वे सरकार को सोशल वेलफेयर प्रोग्राम चलाने में मदद करते हैं जो देश के गरीबों के लिए बेहद अहम है।
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वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि करदाताओं के लिए देश में कर व्यवस्था को सरल बनाना होगा। इसके लिए सरकार ने फेसलेस एसेसमेंट की सुविधा शुरू की है, स्क्रूटिनी को कम किया है और कई अन्य सुविधाएं शुरू की हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि सितंबर 2019 में हमने कॉरपोरेट टैक्स को कम करने का अहम फैसला लिया था। तब भी और अब भी भारत उन देशों में है जहां कर की दरें कम हैं और कॉरपोरेट कर की व्यवस्था को भी सरल बनाया गया है।
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