वित्त मंत्रालय:भारतीयों के स्विस बैंक में जमा धन की नहीं देगा जानकारी, वजह है बड़ी

भारतीयों के स्विस बैंक में खातों के बारे में ब्योरा देने से वित्त मंत्रालय ने मना कर दिया है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह जानकारी स्विट्जरलैंड व भारत के बीच कर संधि की ‘गोपनीयता प्रावधान’ के दायरे में आती है।

Update: 2019-12-23 17:08 GMT

नई दिल्ली भारतीयों के स्विस बैंक में खातों के बारे में ब्योरा देने से वित्त मंत्रालय ने मना कर दिया है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह जानकारी स्विट्जरलैंड व भारत के बीच कर संधि की ‘गोपनीयता प्रावधान’ के दायरे में आती है।

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आरटीआई कानून के तहत पूछे गये सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा, इस प्रकार के कर समझौतों के तहत सूचना का आदान-प्रदान गोपनीयता प्रावधान के अंतर्गत आता है। अत: आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (a) और 8 (1) (f) के तहत विदेशी सरकारों से प्राप्त कर संबंधित सूचना के खुलासे से छूट प्राप्त है। सेक्शन 8 (1) (a) उन सूचनाओं के खुलासों पर पाबंदी लगाता है जिससे भारत की संप्रभुता और एकता, सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, अन्य देशों से संबंधित प्रभावित होते हैं। वहीं दूसरे प्रावधान के तहत भरोसे के तहत अन्य देशों से प्राप्त सूचना के खुलासे से छूट है । आरटीआई के तहत मंत्रालय से स्विट्जरलैंड से वहां के बैंकों में भारतीय खातों के बारे में मिली जानकारी के संदर्भ में ब्योरा मांगा गया था. मंत्रालय से दूसरे देशों से उसे काले धन के बारे में मिली सूचना के बारे में भी जानकारी मांगी गयी थी।

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काला धन का सामान्य आकलन

भारत को सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के समझौते के तहत सितंबर में स्विट्जरलैंड से स्विस बैंक खाते का ब्योरा मिला था। भारत उन 75 देशों में शामिल है जिसके साथ स्विट्जरलैंड के ‘संघीय कर प्रशासन’ (एफटीए) ने सूचना के स्वत: आदान-प्रदान पर वैश्विक मानकों की रूपरेखा के तहत वित्तीय खातों के बारे में सूचना का आदान-प्रदान किया है ।

कांग्रेस सरकार ने 2011 में काला धन का पता लगाने के लिए तीन अलग-अलग संस्थानों से रिपोर्ट तैयार करने को कहा था, जिन्होंने 30 दिसंबर 2013, 18 जुलाई 2014 और 21 अगस्त 2014 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।

अमेरिका स्थित ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी नामक थिंक टैंक के अनुसार भारत में करीब 770 अरब डॉलर का काला धन आया, जबकि 165 अरब डॉलर का कालाधन देश से बाहर गया। हालांकि यह केवल एक आकलन है और सरकार की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं है।

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स्विस नेशनल बैंक की तरफ से हाल ही में बताया गया था कि वहां के बैंकों में साल 2017 में भारतीयों की जमा राशि में 50 फीसदी यानी करीब दो गुना इजाफा हुआ है। वहां भारतीय लोगों की जमा राशि करीब 7,000 करोड़ रुपये हो गई है।

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