965 भूकंप के झटके: सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर गुजारी रातें, वैज्ञानिक भी खौफ में

बीते दिन शुक्रवार को साल 2021 के पहले भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गए। साल 2020 यानी बीते साल कोरोना महामारी से पहले और फिर पूरे साल सैंकड़ों बार भारत में भूकंप से धरती थर्रा चुकी है। झटकों से खौफ में आए लोगों ने पूरी-पूरी रातें सड़कों पर ही गुजारी।

Update: 2021-02-13 12:10 GMT
बीते दिन शुक्रवार को साल 2021 के पहले भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गए। साल 2020 यानी बीते साल कोरोना महामारी से पहले और फिर पूरे साल सैंकड़ों बार भारत में भूकंप से धरती थर्रा चुकी है।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत में बीते दिन शुक्रवार को साल 2021 के पहले भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गए। साल 2020 यानी बीते साल कोरोना महामारी से पहले और फिर पूरे साल सैंकड़ों बार भारत में भूकंप से धरती थर्रा चुकी है। झटकों से खौफ में आए लोगों ने पूरी-पूरी रातें सड़कों पर ही गुजारी। हर एक दो दिन पर लगातार भूकंप के झटकों से वैज्ञानिक भी हैरान हो गए थे, कि कहीं इन झटकों से किसी बड़े खतरे का संकेत तो नहीं।

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एक दिन में तीन बार धरती हिली

साल 2020 में पहले दिन 1 जनवरी से लेकर आखिरी दिन 31 दिसंबर तक भारत देश की धरती 965 बार थर्राई। ऐसे में अगर हर दिन के हिसाब से देखा जाए, तो करीब एक दिन में तीन बार धरती हिली।

ऐसे में नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (NCS) की ओर से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को दिए गए भूकंप के आंकड़े से ये जानकारी मिली। इन 965 भूकंप के झटकों में से 13 झटके दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए है। ये सभी 965 झटके 3 तीव्रता या उससे ऊपर के थे।

 

फोटो-सोशल मीडिया

बीते साल 6.0 तीव्रता के दो ही झटके महसूस हुए। जबकि 25 बार 5.0 से 6.0 तीव्रता के बीच के भूकंप आए थे। वहीं 4 से 5 तीव्रता के बीच 355 भूकंप आए थे। 3 से 4 तीव्रता के 388 भूकंप और 2 से 3 तीव्रता के 108 भूकंप देश में महसूस किए गए। भारत में जो सबसे तेज भूकंप महसूस किया गया था, वो 22 जुलाई को चीन के शिजांग इलाके में आया था। इसकी तीव्रता 6.4 थी।

इस बारे में भूगर्भशास्त्रियों का मानना है कि इस समय धरती की टेक्टोनिक प्लेटें खिसक रही हैं, जिसकी वजह से इतने भूकंप आ रहे हैं। भारत के बड़े इलाकों में ये महसूस किए गए। इस वजह से लोग काफी डरे भी हैं।

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फोटो-सोशल मीडिया

सबसे ज्यादा भूकंपीय गतिविधियों वाला स्थान

ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि कई बार दो टेक्टोनिक प्लेटों की बीच में बनी गैस या प्रेशर जब रिलीज होता है, तब भी हमें भूकंप के झटके महसूस होते हैं। ये हालात गर्मियों में ज्यादा देखने को मिलते हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि नेशनल सीस्मोलॉजिकल नेटवर्क साल 2021-22 में 35 फील्ड स्टेशन लगाने जा रहा है। इसके साथ ही देश में कुल 150 भूकंप स्टेशन हो जाएंगे, जो धरती की हलचलों के बारे में सूचना देंगे।

उन्होंने बताया कि देश को चार भूकंप जोन में बांटा गया है। जोन-5 यानी सबसे ज्यादा भूकंपीय गतिविधियों वाला स्थान। इसमें कश्मीर घाटी का हिस्सा, हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी हिस्सा, गुजरात का कच्छ, उत्तरी बिहार, सभी उत्तर-पूर्वी राज्य और अंडमान-निकोबार आते हैं।

वहीं जोन-4 में लद्दाख, जम्मू-कश्मीर का कुछ हिस्सा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, यूपी का उत्तरी हिस्सा, बिहार और पश्चिम बंगाल का कुछ हिस्सा, गुजरात और महाराष्ट्र का पश्चिमी हिस्सा और राजस्थान का सीमाई इलाका आता है।

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