रंजन गोगोई ने ली राज्यसभा सांसद की शपथ, विपक्ष के हंगामे पर ये बोले पूर्व CJI

भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने गुरुवार को विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। जैसे ही चीफ जस्टिस शपथ लेने के लिए निर्धारित स्थान पर पहुंचे, विपक्षी सांसदों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और सदन से वॉक आउट कर गये।

Update:2020-03-19 12:06 IST

नई दिल्ली: भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने गुरुवार को विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। जैसे ही चीफ जस्टिस शपथ लेने के लिए निर्धारित स्थान पर पहुंचे, विपक्षी सांसदों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और सदन से वॉक आउट कर गये।

सभापति एम. सभपति वेंकैया नायडू ने सांसदों के व्यवहार को असंतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि हम सभी की अपनी राय हो सकती है, लेकिन सदन में इस तरह से राष्ट्रपति (रामनाथ कोविंद) के फैसले का विरोध गलत है।

इसके बाद राज्यसभा में मौजूद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष के विरोध की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी इस सदन की शोभा कई न्यायाधीशों ने बढ़ाई है, लेकिन इस तरह से विपक्ष का विरोध शर्मनाक है।

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रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राज्यसभा में विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक महान परंपरा है, जिनमें पूर्व सीजीआई भी शामिल हैं। गोगोई जिन्होंने आज शपथ ली है वह निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान वॉक आउट पर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष का ऐसा करना अनुचित था।

तो वहीं विपक्ष के इस रुख पर जब गोगोई से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। वे बहुत जल्द ही स्वागत करेंगे।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया है। गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश थे। वे इस पद पर तीन अक्टूबर, 2018 से 17 नवंबर, 2019 तक रहे।

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वर्षो से लंबित अयोध्या विवाद में नौ नवंबर, 2019 को गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाया था। इसके अलावा उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने कई और मामलों में फैसले सुनाए थे। इसमें राफेल लड़ाकू विमान सौदा और सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले शामिल हैं।

गोगोई ने चीफ जस्टिस का पद छोड़ने से पहले कहा था कि भारतीय अदालतों में लंबित मामलों का इस्तेमाल इस संस्थान को कमजोर करने के लिए किया गया है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा था कि उनके दिलोदिमाग का एक हिस्सा हमेशा सुप्रीम कोर्ट के साथ रहेगा।

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कांग्रेस ने गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनित करने को लेकर सरकार की आलोचना की है। राष्ट्रपति द्वारा उन्हें सीजेआई के पद से रिटायर होने के लगभग चार महीने बाद सोमवार को उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया। वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनित करने के फैसले को सही ठहराया है। बार काउंसिल ने कहा है कि इससे 'विधायिका और न्यायपालिका के बीच समन्वय बनाने में मदद मिलेगी।

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