पूर्व नेवी कमांडर ने राजीव गांधी पर PM मोदी के आरोपों को किया खारिज,बताई पूरी कहानी

पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप को खारिज किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल ‘‘निजी टैक्सी’’ की तरह किया था।

Update: 2019-05-10 10:25 GMT

नई दिल्ली: पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप को खारिज किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल ‘‘निजी टैक्सी’’ की तरह किया था।

वहीं, तत्कालीन प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान पोत के कमांडिंग ऑफीसर रहे वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) विनोद पसरीचा ने कहा कि वर्ष 1987 में गांधी के आधिकारिक दौरे के समय सभी प्रोटोकॉलों का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान कोई भी विदेशी या अन्य अतिथि मौजूद नहीं था।

वहीं, मुंबई में पूर्व वरिष्ठ नौसेना अधिकारी आई सी राव ने भी आईएनएस विराट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के दावे को खारिज किया। हालांकि, एक अन्य पूर्व नौसेना कमांडर (सेवानिवृत्त) वी के जेटली ने ट्वीट किया, ‘‘राजीव और सोनिया गांधी ने आईएनएस विराट का इस्तेमाल बंगाराम द्वीप समूह पर छुट्टियां मनाने के लिए यात्रा के लिए किया था।

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भारतीय नौसेना के संसाधनों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया। मैं गवाह हूं। मैं उस समय आईएनएस विराट पर तैनात था।’’

गौरतलब है कि बुधवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री ने आईएनएस विराट का इस्तेमाल निजी टैक्सी की तरह किया और उनके रिश्तेदार युद्धपोत पर मौजूद थे। वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) पसरीचा ने कहा, ‘‘यह दावा पूरी तरह से गलत है।’’

दक्षिणी नौसेना कमांडर रहे पूर्व नौसेना प्रमुख रामदास ने एक बयान में कहा कि आईएनएस विराट पर किसी विदेशी ने यात्रा नहीं की थी और राजीव गांधी तथा उनकी पत्नी सभी आधिकारिक प्रोटोकॉल के पालन के बाद युद्धपोत पर सवार हुए थे।

पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप को खारिज किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल ‘‘निजी टैक्सी’’ की तरह किया था।

वहीं, तत्कालीन प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान पोत के कमांडिंग ऑफीसर रहे वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) विनोद पसरीचा ने कहा कि वर्ष 1987 में गांधी के आधिकारिक दौरे के समय सभी

प्रोटोकॉलों का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान कोई भी विदेशी या अन्य अतिथि मौजूद नहीं था। वहीं, मुंबई में पूर्व वरिष्ठ नौसेना अधिकारी आई सी राव ने भी आईएनएस विराट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के दावे को खारिज किया।

हालांकि, एक अन्य पूर्व नौसेना कमांडर (सेवानिवृत्त) वी के जेटली ने ट्वीट किया, ‘‘राजीव और सोनिया गांधी ने आईएनएस विराट का इस्तेमाल बंगाराम द्वीप समूह पर छुट्टियां मनाने के लिए यात्रा के लिए किया था। भारतीय नौसेना के संसाधनों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया। मैं गवाह हूं। मैं उस समय आईएनएस विराट पर तैनात था।’’

गौरतलब है कि बुधवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री ने आईएनएस विराट का इस्तेमाल निजी टैक्सी की तरह किया और उनके रिश्तेदार युद्धपोत पर मौजूद थे। वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) पसरीचा ने कहा, ‘‘यह दावा पूरी तरह से गलत है।’’

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दक्षिणी नौसेना कमांडर रहे पूर्व नौसेना प्रमुख रामदास ने एक बयान में कहा कि आईएनएस विराट पर किसी विदेशी ने यात्रा नहीं की थी और राजीव गांधी तथा उनकी पत्नी सभी आधिकारिक प्रोटोकॉल के पालन के बाद युद्धपोत पर सवार हुए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘(पूर्व) प्रधानमंत्री राजीव गांधी और श्रीमती गांधी ने लक्षद्वीप जाने के लिए आईएनएस विराट पर अपनी यात्रा त्रिवेन्द्रम से शुरू की थी। (पूर्व) प्रधानमंत्री राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वितरण के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर त्रिवेन्द्रम में मौजूद थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आईडीए (द्वीप समूह विकास प्राधिकरण) की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए आधिकारिक ड्यूटी पर लक्षद्वीप जा रहा था। यह बैठक लक्षद्वीप और अंडमान में होती है।’’ एडमिरल रामदास ने कहा, ‘‘उनके साथ कोई विदेशी नहीं था। मैं कोचीन स्थित दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग आफीसर कमांडिंग इन चीफ के तौर पर आईएनएस विराट पर मौजूद था।’’

उधर, मुंबई में पूर्व वरिष्ठ नौसेना अधिकारी आई सी राव ने प्रधानमंत्री मोदी के इस दावे को खारिज किया कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते गांधी परिवार ने आईएनएस विराट का इस्तेमाल ‘‘निजी टैक्सी’’ के रूप में किया था।

वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) आई सी राव ने कहा कि इस तरह के दावों के कारण, ऐसे लोगों (मोदी) के सच को भी झूठी सूचना के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत गलत बात है कि नेता इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। मुझे लगता है कि लगातार इस तरह के दावों के कारण सच्ची सूचना को भी झूठ के रूप में देखा जाएगा।’’

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