पीएम मोदी की इस गलती के कारण आयी मंदी: मनमोहन सिंह

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मंदी और कमजोर ग्रोथ पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि यह महज 0.6 पर्सेंट रह गई है।इससे स्पष्ट है कि हमारी इकॉनमी अब तक नोटबंदी जैसी मानवजनित गलतियों से उबर नहीं पायी है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने गलत तरीके से लागू जीएसटी को भी इकॉनमी की खराब हालत का जिम्मेदार ठहराया है।

Update: 2019-09-01 06:32 GMT

नई दिल्ली: एक समय में वित्त मंत्री रह चुके पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने देश की जीडीपी ग्रोथ में आई गिरावट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए हमला बोला है। उन्होंने देश की इकॉनमिक स्लोडाउन के लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि यह मैन मेड क्राइसिस है, जो ख़राब प्रबंधन के चलते पैदा हुआ है।

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अर्थशास्त्र के अच्छे जानकार मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछली तिमाही की जीडीपी ग्रोथ बहुत की कम 5 पर्सेंट रही है। इससे पता चलता है कि देश लंबे स्लोडाउन के दौर में है। भारत के पास ज्यादा तेज गति से ग्रोथ की क्षमता है । लेकिन हालात बिगड़े हैं।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मंदी और कमजोर ग्रोथ पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि यह महज 0.6 पर्सेंट रह गई है।इससे स्पष्ट है कि हमारी इकॉनमी अब तक नोटबंदी जैसी मानवजनित गलतियों से उबर नहीं पायी है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने गलत तरीके से लागू जीएसटी को भी इकॉनमी की खराब हालत का जिम्मेदार ठहराया है।

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छोटे से बड़े कारोबारियों में टैक्स टेररिज्म का खौफ

उन्होंने कहा कि, 'घरेलू मांग और उपभोग में ग्रोथ 18 महीने के निचले स्तर पर है। जीडीपी ग्रोथ भी 15 साल में सबसे कम है। इसके अलावा टैक्स रेवेन्यू में भी कमी है। छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों तक में टैक्स टेररिज्म का खौफ है।' इन्वेस्टर्स में भी आशंका का माहौल है और ऐसे संकेतों से पता चलता है कि इकॉनमी की रिकवरी अभी संभव नहीं है।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में आयी मंदी ने छिनीं 3.5 लाख नौकरियां

पीएम मोदी सरकार पर जॉबलेस ग्रोथ को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए पूर्व पीएम ने दावा किया कि अकेले ऑटोमोबाइल सेक्टर में ही 3.5 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं। इसके अलावा असंगठित क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर नौकरियां गई हैं, जिससे कमजोर तबके के मजदूरों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।

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किसानों की भी घट रही आमदनी

उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत में स्थिति विपरीत है। किसानों को उनकी फसलों का पूरा दाम नहीं मिल रहा है और आय में लगातार गिरावट आ रही है। मोदी सरकार कम महंगाई दर को अपनी सफलता बता रही है, लेकिन यह किसानों की कीमत पर है, जो कि देश की आबादी का 50 फीसदी हिस्सा हैं।

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