शोक में डूबा देश: नहीं रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, लंबे समय से थे बीमार

देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थें। वह गत 10 अगस्त से अस्पताल में भर्ती थें। जहां उनका इलाज चल रहा था। वह कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। पिछले साल ही आठ अगस्त को उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

Update:2020-08-31 18:19 IST
देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थें। वह गत 10 अगस्त से अस्पताल में भर्ती थें। जहां उनका इलाज चल रहा था।

नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थें। वह गत 10 अगस्त से अस्पताल में भर्ती थें। जहां उनका इलाज चल रहा था। वह कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। पिछले साल ही आठ अगस्त को उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 25 जुलाई 2012 को प्रणव मुखर्जी गणतंत्र भारत के 13 वें राष्ट्रपति बने। और इस पद पर अपने 5 वर्ष के कार्यकाल को पूरा कर 25 जुलाई 2017 को सेवानिवृत्त हुए। ये पहले बंगाली थे जो राष्ट्रपति बने।

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विद्वता और शालीन व्यक्तित्व

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विद्वता और शालीन व्यक्तित्व के लिए याद किया जाएगा। इसके पहले भी वे कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभा चुके थे। उन्होंने राष्ट्रपति पद के साथ औपचारिक तौर पर लगाए जाने वाले महामहिम के उद्बोधन को खत्म करने का निर्णय लिया। जिसके लिए उन्हे याद किया जाता है।

प्रणव मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूमि जिले के किरनाहर के निकट मिटरी गाँव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी था। वह एक एक स्वतंत्रता सेनानी थे। इनकी माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था।

प्रणब मुखर्जी ने वीरभूमि के सूरी विद्यासागर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की। कलकत्ता विश्वविद्यालय से इन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद इन्होंने मानद डी लिट की उपाधि भी हासिल की।

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फाइल फोटो

राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक के रूप में शुरुआत

प्रणव मुखर्जी का विवाह 22 वर्ष की अवस्था में 13 जुलाई 1957 को शुभ्रा मुखर्जी से हुआ जो बांग्लादेश के नारायेल की थीं। इनके दो बेटे ( अभिजीत और इंद्रजीत ) और एक बेटी शर्मिष्ठा कुल तीन संतान हैं। इनकी पत्नी का निधन 18 अगस्त 2015 को हो चुका है। प्रणब मुखर्जी ने विद्यानगर कॉलेज में राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक के रूप में शुरुवात की।

इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक पत्रकारिता भी की। इन्होंने पोस्ट एंड टेलीग्राफ ऑफिस में एक क्लर्क के तौर पर भी नौकरी की। प्रणब मुखर्जी को कानून का बहुत अच्छा ज्ञान था। प्रणव मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1969 में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सदस्य के रूप में की। इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर चुने गए।

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वित्त मंत्री के पद पर कार्य

इसके बाद उन्हे केन्द्रीय मंत्रिमंडल में उप-मंत्री बनाया गया। 1997 में इन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया। 2004 में पहली बार लोकसभा की जंगीपुर ( पश्चिम बंगाल ) सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। प्रणब मुखर्जी की राजनीतिक यात्राइंदिरा गाँधी की सरकार में 15 जनवरी 1982 से 31 दिसंबर 1984 तक वित्त मंत्री के पद पर कार्य किया। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनका नाम प्रधानमंत्री के तौर पर उभरा था।

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वह पी वीव नरसिम्हा राव सरकार में 24 जून 1991 से 15 मई 1996 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे।इसके बाद राव सरकार में 10 फरवरी 1995 से 16 मई 1996 तक भारत के विदेश मंत्री रहे। यूपीए-एक सरकार में 22 मई 2004 से 26 अक्टूबर 2006 तक भारत के रक्षा मंत्री रहे।

यूपीए-दो में भी उन्होंने 24 जनवरी 2009 से 26 जून 2012 तक वित्त मंत्री के तौर पर काम किया।उन्हे विश्व के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के रूप में सम्मानित किया गया था।2007 में इन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।2010 में इन्हें फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ द ईयर फॉर एशिया से सम्मानित किया गया था।

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