Kolkata Rape Case : हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने पहुंचे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, जानिए क्या है मामला?
Kolkata Rape Case : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
Kolkata Rape Case : कोलकाता रेप और हत्या कांड के बाद बदलते घटनाक्रम के बीच आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को बुधवार को चुनौती दी है। संदीप घोष को तीन अन्य लोगों अफसर अली (44) (उनके सुरक्षा गार्ड) और दवा विक्रेता बिप्लव सिंघा (52) और सुमन हजारा (46) के साथ गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि 23 अगस्त को, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
सीबीआई ने सरकारी अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में घोष को तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था, जिसका प्रशासन पिछले महीने एक प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के बाद गहन जांच का सामना कर रहा है। घोष ने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया। उन्हें उस वर्ष अक्टूबर में आरजी कर से स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन वह एक महीने के भीतर ही उस पद पर लौट आए। वह उस दिन तक अस्पताल में अपने पद पर बने रहे जब तक अस्पताल की प्रशिक्षु डॉक्टर को मृत नहीं पाया गया।
कुछ टिप्पणियों को हटाने की मांग
डॉक्टर ने कहा कि उनके मामले में 'प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत' लागू नहीं किए गए। उन्होंने 'कुछ टिप्पणियों' को हटाने की भी मांग की। सुनवाई शुक्रवार के लिए निर्धारित की गई है।
कलकत्ता हाई कोर्ट का निर्देश पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली की एक याचिका के जवाब में आया। अली ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से घोष के कार्यकाल के दौरान राज्य संचालित संस्थान में कथित वित्तीय कदाचार के कई मामलों में जांच शुरू करने का आग्रह किया था।