किसानों का हल्लाबोल: सरकार चाहे जितना जोर लगा ले, विधेयक लागू नहीं होने देंगे

किसानों ने सरकार को खुली चुनौती दी है कि अगर जबरन विधेयक थोपा गया तो चाहे कुछ हो जाए, इसे किसी हालत में मंजूर नहीं किया जाएगा।

Update:2020-09-19 14:49 IST
जमकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने सरकार को खुली चुनौती दी है कि अगर जबरन विधेयक थोपा गया तो चाहे कुछ हो जाए, इसे किसी हालत में मंजूर नहीं किया जाएगा।

अमृतसर: कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों का विरोध कम नहीं हो रहा है। सरकार लगातार कृषि विधेयक को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ विरोध पर डटे हैं। अब किसानों के प्रदेश यानी कि पंजाब के अमृतसर में किसान इस कृषि विधेयक के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। और जमकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने सरकार को खुली चुनौती दी है कि अगर जबरन विधेयक थोपा गया तो चाहे कुछ हो जाए, इसे किसी हालत में मंजूर नहीं किया जाएगा।

सरकार जितना जोर लगा सकती लगा ले, कानून लागू नहीं होने देंगे

कृषि विधेयक के खिलााफ सड़कों पर उतरे किसान (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें- IPL 2020 Update: सबसे धाकड़ टीमों का मुकाबला, मैच से पहले रोहित ने खोले ये राज

पंजाब से शुरू हुआ कृषि विधेयक के खिलाफ ये विरोध अब पूरे देश में फैलता जा रहा है। क्योंकि किसान किसी भी कीमत में किसानों का मालिक कॉरपोरेट सेक्टर को नहीं बनने देंगे। किसान नेताओं का साफ कहना है कि सरकार चाहे कोई भी रही हो, किसानों के आगे नतमस्तक होती रही है और इस बार किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। इसी क्रम में भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां के महासचिव सुखदेव सिंह का कहना है कि सरकार ने बिल तो लोकसभा में पास कर दिया है लेकिन इसे लागू किसी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा।

कृषि विधेयक के खिलााफ सड़कों पर उतरे किसान (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें- बिजली-पानी पर 50% डिस्काउंट: उपराज्यपाल का बड़ा ऐलान, खुशी में डूबे लोग

उन्होने कहा कि सरकार ने जमीन अधिग्रहण कानून बनाया लेकिन किसानों ने लागू नहीं होने दिया था। सुखदेव सिंह ने सरकार को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जितना जोर लगा सकती है लगाकर देख ले, इन तीनों कानूनों को लागू नहीं होने दिया जाएगा। वहीं किसान यूनियन डकोंडा के महासचिव जगमोहन सिंह का कहना है कि यह देश की बदकिस्मती है कि यहां पर अन्नदाता की कदर नहीं है, उनको मजदूर बनाने की योजना बन रही है। किसानों को कारपोरेट सेक्टर के हवाले किया जा रहा है। कानून में साफ लिखा है कि कंपनी किसानों की जमीन ले सकती है कंपनी का मतलब तो कारपोरेट ही है।

पूरे देश में फैलेगा किसान आंदोलन

कृषि विधेयक के खिलााफ सड़कों पर उतरे किसान (फाइल फोटो)

वहीं भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ धक्का किया है। पंजाब की तमाम किसान यूनियन एक मंच पर आ रही हैं और आने वाले दिनों में देश की किसान जत्थेबंदियों को एक मंच पर लाया जा रहा है।

ये भी पढ़ें- अंबानी परिवार की होने वाली छोटी बहु राधिका के पिता की कमाई जानकर दंग रह जाएंगे

किसान नेता बलवीर सिंह का कहना है कि सरकार कोऑपरेटिव बैंकों को भी खत्म करने जा रही है और सारी प्रक्रिया आरबीआई के अधीन ला रही है। कोऑपरेटिव बैंकों में किसानों का पैसा लगा है, सरकार कैसे उसको अपने अधीन कर रही है। इसलिये किसान आंदोलन को पूरे देश में फैलाने की योजना बनाई जा चुकी है, जिसको अमली जामा पहना दिया जाएगा।

Tags:    

Similar News