जरूरी खबर: गैस सिलिंडर की इस सुविधा के बारे में, जिससे होगी लाखों की मदद

देश में सरकार लोगों को सुविधाएं देने के लिए योजनाएं लागू करती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोगों को कुछ योजनाओं और सुविधाओं के लाभ के बारें में जानकारी नहीं हो पाती है।

Update:2020-07-11 15:32 IST

लखनऊ। देश में सरकार लोगों को सुविधाएं देने के लिए योजनाएं लागू करती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोगों को कुछ योजनाओं और सुविधाओं के लाभ के बारें में जानकारी नहीं हो पाती है। तो अगर आप एलपीजी गैस सिलिंडर का उपयोग करते हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। भारत देश के ज्यादातर घरों में रसोई गैस पर खाना बनता है। लेकिन उसके बाद भी बहुत से लोगों को एलपीजी सिलिंडर से जुड़ी योजनाओं के बारे में पता नहीं है। इन्ही में से कुछ एक है सिलिंडर पर मिलने वाला इंश्योरेंस कवर। जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे।

ये भी पढ़ें... भारत रोकेगा तबाही: आ गई ये कोरोना की दवा, पूरी दुनिया रह गई दंग

छह लाख रुपये तक का कवर

ग्राहकों गैस सिलिंडर पर मिलने वाले इंश्योरेंस कवर के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि इससे आपको लाखों रुपये तक का फायदा भी हो सकता है। बता दें, यह इंश्योरेंस कवर कनेक्शन लगने के पहले दिन से शुरू हो जाता है।

जीं हां तेल कंपनियां अपनी तरफ से छह लाख रुपये तक का कवर देती हैं। अगर दुर्घटनावश आपके घर में गैस हादसा हो जाता है, तो आपको अपने एलपीजी वितरक को इसकी जानकारी देनी होगी। फिर वह इस संबंध में बीमा कंपनी को जानकारी देगा और आगे की प्रक्रिया को पूरा करवाएगा।

ये भी पढ़ें...300 आतंकियों का हमला: सीमा पर तैयार है सेना, घाटी में हाई-अलर्ट

एलपीजी सिलिंडर के ब्लास्ट में

अगर किसी भी वजह से एलपीजी सिलिंडर के ब्लास्ट में किसी की मौत होती है तो गैस कंपनी प्रति व्यक्ति छह लाख रुपये मुआवजा देती है।

साथ ही अगर कोई व्यक्ति गैस सिलिंडर के ब्लास्ट में घायल हो जाता है तो उसके इलाज के लिए अधिकतम दो लाख रुपये तक मिलते हैं। वहीं धमाके में किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए दो लाख रुपये तक मिलते हैं।

ये भी पढ़ें...खुला विकास का राज: सामने आई 22 साल पुरानी गाथा, जिसने पलट दी कई जिंदगियां

ऐसे कर सकते हैं क्लेम

अगर किसी वजह से गैस सिलिंडर से हादसा होता है तो सबसे पहले आपको स्थानीय पुलिस में एफआईआर दर्ज करवानी होगी। इसके बाद अपने गैस डिस्ट्रीब्यूटर को एफआईआर की कॉपी के साथ में पूर्ण जानकारी देनी होती है। डिस्ट्रीब्यूटर इस रिपोर्ट को तेल कंपनी के पास पहुंचाता है।

इसके बाद मामले की जांच के लिए तेल कंपनी की ओर से बीमा कंपनी की एक टीम आएगी और यही टीम क्लेम की राशि तय करेगी। क्लेम राशि का भुगतान तेल कंपनी को होगा। फिर तेल कंपनी इसे अपने वितरक के पास भेजेगी, जो बाद में गैस ग्राहक या फिर उसके परिवार वालों को दी जाएगीय़

ये भी पढ़ें...मानसून से कांपेंगे लोग: होगी ऐसी जबरदस्त बारिश, इन राज्यों में जारी हाई-अलर्ट

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News