डिफाल्टरों को तोहफा: नौकरीपेशा पर सितम, ये कैसा सरकार का करम

एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है कि टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर में आईटी, बुनियादी ढांचे, बिजली, सोने-हीरे के आभूषण, फार्मा आदि सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए हुए लोगों के नाम शामिल हैं।

Update: 2020-04-28 10:42 GMT

नई दिल्ली। जहां एक तरफ केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें लगातार अपने राजस्व में सुधार के लिए खर्चो में कटौती कर रही हैं। वहीं केन्द्र सरकार के फरार हीरा व्यापारी मेहुल चैकसी सहित 50 टॉप विलफुल डिफॉल्टर्स से 68,607 करोड़ रुपये की रकम को माफ करने को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं।

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वित्तीय हालात खराब होने के संकेत

एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है कि टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर में आईटी, बुनियादी ढांचे, बिजली, सोने-हीरे के आभूषण, फार्मा आदि सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए हुए लोगों के नाम शामिल हैं।

जिनका कर्ज माफ किया गया है। जबकि आर्थिक संकट को देखते हुए हर राज्य में बेरोजगारी की हाल बिगडती जा रही है। कर्मचारियों की छंटनी तक की जा रही है। जिसके कारण भविष्य में वित्तीय हालात खराब होने के संकेत मिलने शुरू हो गये है। ऐसे में केन्द्र सरकार के इस कदम पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

केंद्रीय कर्मियों के वेतन-भत्तों में भारी कटौती करने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध लगातार हो रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के अलावा ज्वाइंट कंसल्टेशन मशीनरी फॉर सेंटर गवर्नमेंट इम्प्लाई, कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन, भारतीय मजदूर संघ, सांझा मुलाजिम मंच पंजाब और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने भी सरकार का विरोध किया है।

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केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध

यही कारण है कि 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों एवं 65 लाख पेंशनरों का महंगाई भत्ता रोके जाने के केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध होना शुरू हो गया है।

श्रमिक नेताओं का कहना है कि सरकार कर्मचारियों एवं पेंशनरों का महंगाई भत्ता रोककर लगभग 50 हजार करोड़ की बचत कर रही है। वहीं दूसरी तरफ डिफाल्टरों का कर्ज माफ कर हमे अपमानित करने का काम कर रही है।

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6 तरह के भत्तों पर रोक

वहीं यूपी सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों पर रोक लगाई हैं। इसे 31 मार्च 2021 तक स्थगित रखा जाएगा। इसमें मंहगाई भत्ता विभागीय भत्ते, सचिवालय भत्ता, पुलिस भत्ता भी शामिल हैं। इसका 16 लाख कर्मचारी व 11.82 लाख पेंशनर पर इसका असर पड़ेगा।

यहां यह बताना जरूरी है कि जिन बडे उद्योगपतियों को कर्ज माफ किया गया है उनमें 18 कंपनियां एक हजार करोड़ रुपये कर्ज वाली श्रेणी में हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम हरीश आर. मेहता की अहमदाबाद स्थित फॉरएवर प्रीसियस ज्वेलरी एंड डायमंड्स प्रा.लि. (1962 करोड़ रुपये), और भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (1,943 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

इसके साथ ही रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी माना 50 बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रूपये माफ किया है।

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