Godhra Kand: गोधरा कांड के दोषियों को नहीं मिली जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, उम्रकैद की काट रहे सजा
Godhra Kand: साल 2002 में गुजरात के गोधरा में ट्रेन जलाने के तीन दोषियों ने शीर्ष अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और कोई राहत देने से इनकार कर दिया।
Godhra Kand: सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के दोषियों को बड़ा झटका दिया है। साल 2002 में गुजरात के गोधरा में ट्रेन जलाने के तीन दोषियों ने शीर्ष अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और कोई राहत देने से इनकार कर दिया। तीनों दोषी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। इस पीठ में दो अन्य जज जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे। तीन जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि गोधरा कांड से भड़के सांप्रदायिक दंगे गंभीर घटना थी। इसमें किसी एक शख्स की मौत नहीं हुई थी।
दरअसल, इस मामले में तीन आरोपियों सौकत यूसुफ इस्माइल मोहन, बिलाल अब्दुल्ला इस्माइल बादाम घांची और सिद्दीक को ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तीनों ने जमानत के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसे कोर्ट ने खारिज दिया। इसके बाद उच्च न्यायालय के फैसले को दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, मगर उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को दूसरी बेंच के सामने लिस्टिंग की अनुमति दे दी है।
किस आधार पर मांगी जा रही थी जमानत ?
सुप्रीम कोर्ट में दोषियों की ओर से पेश हुए सीनियर अधिवक्ता संजय हेगड़े ने दलील दी कि तीनों दोषियों मे से एक 17 साल 6 माह की सजा काट चुका है। जबकि दूसरा 20 साल से जेल में बंद है। हेगड़े ने आगे कहा कि इस मामले में दो दोषी छोटे केस में दोषी हैं। उनपर पत्थर मारने और गहने चुराने के आरोप हैं।
गुजरात सरकार की ओर से पेश एसजी तुषार मेहता ने दोषियों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दोषियों में शामिल एक आरोपी मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोपी है। उस पर भीड़ को उकसाने और खतरनाक हथियार लोगों तक पहुंचाने के आरोप हैं। शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दोषियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
क्या है गोधरा कांड ?
27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस का कोच जलाया गया था, जिसमें 59 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। दंगाइयों ने डिब्बे पर पत्थर भी बरसाए थे ताकि लोग बाहर न निकल सके। इस घटना से पूरे गुजरात में सांप्रदायिक तनाव फैल गया और जिसके बाद भड़की हिंसा में 1044 लोग मारे गए थे।