लॉकडाउन के पालन में भारतीय दूसरे देशों से आगे, गूगल ने किया बड़ा खुलासा
गूगल ने दुनिया के विभिन्न देशों में लोगों के फोन लोकेशन का इस्तेमाल कर यह पता लगाने की कोशिश की है कि लॉकडाउन की वजह से बाजारों, किराना और दवा की दुकानों, बस और रेलवे स्टेशनों और दफ्तरों में लोगों के आने-जाने पर कितना असर पड़ा है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए दुनिया भर के विभिन्न देशों में घोषित लॉकडाउन के बेहतर नतीजे सामने आए हैं। हालांकि कई देशों में लॉकडाउन के उल्लंघन की तमाम शिकायतें भी मिली हैं। जहां तक लॉकडाउन के पालन की बात है तो भारतीय इस मामले में दूसरे देशों से काफी आगे रहे हैं। हालांकि यहां भी लॉकडाउन के उल्लंघन के छिटपुट शिकायतें जरूर मिली हैं मंदिर अधिकांश लोगों ने लॉकडाउन का पालन करके सरकार और प्रशासन का पूरा साथ दिया है। यह खुलासा गूगल के डाटा विश्लेषण से मिला है।
फोन लोकेशन से गूगल ने किया विश्लेषण
गूगल ने दुनिया के विभिन्न देशों में लोगों के फोन लोकेशन का इस्तेमाल कर यह पता लगाने की कोशिश की है कि लॉकडाउन की वजह से बाजारों, किराना और दवा की दुकानों, बस और रेलवे स्टेशनों और दफ्तरों में लोगों के आने-जाने पर कितना असर पड़ा है। 1 अप्रैल से 26 अप्रैल के बीच के डाटा के विश्लेषण से पता चला है कि भारत में अधिकांश लोगों ने सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों का पालन किया है।
स्पेन और इटली के लोगों ने भी दिया साथ
गूगल के डाटा विश्लेषण के मुताबिक इस मामले में स्पेन और इटली के लोग भी मानकों पर खरे उतरे हैं। स्पेन और इटली में भी कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक स्तर तक फैल गया था मगर वहां के अधिकांश लोगों ने सरकार की पाबंदियों का पालन करके इस खतरनाक वायरस को काबू पाने में काफी हद तक मदद की।
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अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में हुई अनदेखी
अमेरिका में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है मगर वहां नियमों की धज्जियां उड़ाने की बात सामने आई है। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में भी लोगों ने लॉकडाउन की अनदेखी की। वहां लोगों के दफ्तरों के लिए निकलने और पार्कों में जमा होने की बात सामने आई है।
भारत में हुआ रोक का पालन
इस डाटा विश्लेषण से पता चला है कि भारत में अधिकांश लोगों ने लॉकडाउन के दौरान लगाई गई रोक का पालन किया। पार्क जाने वालों की संख्या में 68 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। सामान्य दिनों की तुलना में किराना दुकानों में जाने वालों की संख्या भी काफी कम रही। दफ्तर जाने वालों की संख्या में 41 फ़ीसदी की कमी मिली। सामान्य दिनों की तुलना में 22 फ़ीसदी ज्यादा लोगों ने घरों पर रहकर सरकार का साथ दिया और इस वायरस पर काफी हद तक काबू पाने में मदद की।
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इस कारण भारत में है बेहतर स्थिति
जानकारों का कहना है कि इस विश्लेषण से साफ है कि भारत में कोरोना के केसों में विश्व के अन्य विकसित देशों की अपेक्षा बेहतर स्थिति क्यों है। अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन और इटली मैं इस वायरस में काफी कहर बरपाया और हजारों लोगों की जान ले ली। जहां तक भारत का सवाल है तो भारत इस वायरस का संक्रमण रोकने में काफी हद तक कामयाब रहा है। अमेरिका में तो इस वायरस का संक्रमण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है और मरने वालों की तादाद में रोज जबर्दस्त इजाफा हो रहा है। भारत में नए मामले तो सामने आ रहे हैं, लेकिन कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों के दोगुना होने की दर करीब 13 दिन है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद भारत इस वायरस पर काबू पाने में इस कारण कामयाब रहा है क्योंकि यहां के लोगों ने लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया है और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में पूरा साथ दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की तारीफ
यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना के खिलाफ जंग में भारत सरकार के प्रयासों प्रयासों की तारीफ करने के साथ ही यह भी कहा है कि देश के लोगों ने इस वायरस को हराने में सरकार का पूरा साथ दिया है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यही कारण है कि भारत में इस वायरस का संक्रमण खतरनाक स्तर पर नहीं पहुंच सका है।
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