मुंबई: गूगल ने बुधवार (8 नवंबर) को 'डूडल' बनाकर कथक नृत्यांगना सितारा देवी को उनके 97वें जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि दी। सितारा देवी ने नृत्य जरिए सफलता का जो मुकाम हासिल किया वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया।
कम ही लोगों को मालूम होगा कि सितारा देवी का महज 16 साल की उम्र में नृत्य देखकर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें 'कथक क्वीन' के खिताब से नवाजा था। आज भी लोग इसी खिताब से उनका परिचय कराते हैं। इसके अलावा सितारा देवी को अपनी कला और नृत्य के प्रति उनके विशेष योगदान के लिए 'पद्मश्री' (1970) और 'कालिदास सम्मान' (1994) से भी पुरस्कृत किया गया था।
बचपन में नौकरानी ने उन्हें पाला था
सितारा देवी का जन्म 8 नवंबर, 1920 को कोलकाता में हुआ था। जानकारी के अनुसार, जन्म के कुछ दिनों बाद उनके मां-बाप ने उन्हें नौकरानी को दे दिया था, क्योंकि उनका मुंह थोड़ा टेढ़ा था। जिसके बाद नौकरानी ने बचपन में सितारा देवी की खूब सेवा करके उनका मुंह ठीक कर वापस उनके माता-पिता को लौटा दिया। इनके घर में लोग इन्हें धनतेरस को पैदा होने की वजह से 'धन्नो' कहकर बुलाते थे।
लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन
मशहूर कथक नृत्यांगना सितारा देवी का लंबी बीमारी के बाद 25 नवंबर, 2014 को मुंबई के जसलोक अस्पताल में निधन हो गया। उस समय उनकी उम्र 94 वर्ष थी।