बिना इसके भी अब पुरुष बनेंगे स्टाफ नर्स, सरकार ने दी राहत, खाली पदों को भरने की कोशिश

ज्यादातर अस्पतालों में नर्सिंग के काम में सिर्फ महिलाओं का दबदबा है। सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्स बनने का मौका भी सिर्फ महिलाओं को मिलता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, अब पुरुष भी नर्सिंग में बेधड़क काम कर रहे है उन्हें भी स्टाफ नर्स बनने का मौका मिलेगा।

Update: 2019-08-31 06:31 GMT

जयपुर: ज्यादातर अस्पतालों में नर्सिंग के काम में सिर्फ महिलाओं का दबदबा है। सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्स बनने का मौका भी सिर्फ महिलाओं को मिलता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, अब पुरुष भी नर्सिंग में बेधड़क काम कर रहे है उन्हें भी स्टाफ नर्स बनने का मौका मिलेगा। सरकार ने मेल स्टाफ नर्स के लिए जरूरी शैक्षिक योग्यता राहत देकर स्टाफ नर्स बनने का रास्ता खोल दिया है। इसके लिए मनोचिकित्सा में डिप्लोमा की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। मेल पर्सन, नर्सिंग में बीएसएसी डिग्री पर ही अस्पतालों में स्टाफ नर्स बन सकते हैं।

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नर्सिंग एसोसिएशन ने मनोचिकित्सा में डिप्लोमा की योग्यता को खत्म करने को लेकर अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत में यह मामला विचाराधीन है। लेकिन सरकार डिप्लोमा की जरूरत खत्म करने को लेकर जल्द आदेश देगी। ताकि नर्सिंग में बीएससी डिग्री करने वाले पुरुष सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्स बन सकें। अब तक नर्सिंग में बीएससी की डिग्री की दो वर्ष की शैक्षिक योग्यता वाले पुरुष नर्स नहीं थे। इसलिए इसे हटा दिया गया और स्टाफ नर्स बनने का कोटा भी पांच से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया है। वर्तमान समय में सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्स के 7770 पद हैं। तीन साल पहले 4031 पद स्टाफ नर्स के पद खाली थे। धीरे-धीरे लोकसेवा आयोग ने 1830 पद पर नर्सों की नियुक्ति की है।लेकिन बावजूद इसके 2201 पद अभी भी खाली हैं।

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