कोरोना वैक्सीनेशन: ऐसे पता करें कौन सी लगी वैक्सीन, इस तरह तुरंत बनेगी UHID
सरकार के योजना के मुताबिक, वैक्सीनेशन के दौरान लोगों की यूनिक हेल्थ आईडी (UHID) बनाई जाएगी। इस आईडी के के बनने के बाद सरकार के पास वैक्सीनेशन से जुड़ी सारे रिकॉर्ड्स डिजिल होंगे और सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा बन जाएगा।
नई दिल्ली। देश में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन का महाअभियान शुरू होने जा रहा है। बता दें कि भारत में फिलहाल दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिली है। इस वैक्सीन के पहले हकदार कोरोना वॉरियर्स है, इसलिए भारत सरकार ने ये पहले ही ऐलान कर चुकी है कि स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइनर्स का वैक्सीनेशन होगा। वहीं सरकार ने यह भी साफ तौर पर कहा है कि अगर किसी मरीज को वैक्सीन की अति आवश्यकता होती है तो उस स्थित में भी अन्य मरीज का वैक्सीनेशन होगा।
सरकार की डिजिटल रिकॉर्ड प्लान
आपको बता दें कि पूरे देश में कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान शुरू करने से पहले हर राज्य में कई बार ड्राई रन किया जा चुका है। ड्राई रन सफल होने के बाद ही सरकार ने पूरे देश में वैक्सीनेशन का ऐलान किया है। वहीं , इस वैक्सीन के माध्यम से भारत सरकार एक योजना तैयार कर रही है, जो कोरोना वैक्सीनेशन के रिकॉर्ड को तैयार करने में सहायक होगीं। सरकार के योजना के मुताबिक, वैक्सीनेशन के दौरान लोगों की यूनिक हेल्थ आईडी (UHID) बनाई जाएगी। इस आईडी के के बनने के बाद सरकार के पास वैक्सीनेशन से जुड़ी सारे रिकॉर्ड्स डिजिल होंगे और सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा बन जाएगा। UHID बनाने के लिए सिर्फ आपको अपना आधार कार्ड देना होगा, और आधार कार्ड के जरिए आपकी UHID तुरंत बन जाएगी। UHID बनने के बाद आपको आधार कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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जानकारी के अनुसार, सरकार के डिजिटल रिकॉर्ड रखने की योजना में यह भी शामिल है कि किसे कौन सी वैक्सीन लगी है। इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए कोविन ऐप (CoWin) का इस्तेमाल किया जाएगा।
वैक्सीन के हर शीशी में 10 डोज
अगर बात करने कोरोना वैक्सीन के बारे में तो बता दें कि वैक्सीन के हर शीशी में 10 डोज होगें। इन शीशियों को खोलने के बाद 4 घंटे के भीतर ही इस्तेमाल कर लेना होगा। जानकारी के अनुसार, यूनिवर्सल इम्युननाइजेशन प्रोग्राम (UIP) के अंतर्गत कुछ ऐसी वैक्सीनन्स है जिनकी शीशी खोलने के बाद करीब 1 महीने तक उसका इस्ते्माल किया जा सकता है। बता दें कि VVM (Vaccine vial monitor) वैक्सीन का अहम हिस्सा है, इसलिए VVM के बिना ऐसा नहीं हो सकता है कि वैक्सीन की शीशी खोलने के बाद 1 महीने तक इस्तेमाल की जाए। VVM में वैक्सीन का टेंपरेचर शामिल है। इस वैक्सीनेशन प्रॉसेस में वीवीएम मौजूद नहीं है जिसके चलते इसकी कोल्ड चेन को बरकरार बहुत जरूरी होगा।
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