नौकरशाही पर कसी नकेल, संपत्ति का ब्यौरा नहीं तो प्रमोशन नहीं

Update: 2017-12-27 10:48 GMT

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आईएएस अफसरों को एक महीने के अंदर अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है। ऐसा न करने वालों का न सिर्फ प्रमोशन रुकेगा। बल्कि उनके विदेश जाने के मौके भी खत्म होंगे। केंद्र सरकार का यह कदम देश की नौकरशाही में फैले भ्रष्टाचार को प्रभावी तरीके से रोकने के लिए उठाया जा रहा है।

रिश्वत और सुविधा शुल्क लेने वाले अफसरों का पर्दाफाश करने के लिए केंद्र सरकार ने एक और सख्त कदम उठाया है। सरकार ने आईएएस अधिकारियों को अगले महीने तक अपनी संपत्तियों का ब्योरा देने का निर्देश दिया है। साथ ही केंद्र सरकार ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं होने पर उनकी पदोन्नतियों और विदेशी पदस्थापनाओं के लिए जरूरी सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी।

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने केंद्र सरकार के सभी विभागों, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उनसे आईएएस अधिकारियों की ओर से 31 जनवरी, 2018 तक अचल संपत्ति रिटर्न (आईपीआर) जमा कराने को कहा है।

संस्थापन (इस्टेब्लिशमेंट) अधिकारी और अतिरिक्त सचिव पी के त्रिपाठी ने हाल ही में एक संदेश में कहा कि डीओपीटी के चार अप्रैल, 2011 के निर्देशों के अनुरूप यह दोहराया जाता है कि आईपीआर समय पर जमा नहीं होने पर सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी।

2011 के निर्देशों के अनुसार जिन अधिकारियों ने एक जनवरी, 2018 तक समय पर अपने आईपीआर जमा नहीं किये उन्हें सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी और भारत सरकार में वरिष्ठ स्तर के पदों के लिए पदोन्नति के लिहाज से उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा।

लापरवाही पर सख्त है सरकार

केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि अब तक 176 अधिकारियों को काम में कोताही बरतने को लेकर जनहित में सेवानिवृत्त किया गया है। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि उपलब्ध सूचना के अनुसार वित्तीय नियम-56 (जे) के प्रावधानों और इसी तरह के दूसरे प्रावधानों के तहत समूह ए के 53 और समूह बी के 123 अधिकारियों के मामले में एक जुलाई, 2014 से 31 अक्तूबर, 2017 के बीच नियमों को अपनाया गया है। आगे भी सरकार लापरवाह अधिकारीयों पर सख्त करवाई करेगी।

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