कोरोना से मौतों पर मचा हाहाकारः कब्रें पहले ही हुईं बुक, कहीं जमीन न पड़ जाए कम
दिल्ली वक्फ बोर्ड ने राजधानी में रिंग रोड से सटे जदीद कब्रिस्तान को विशेष तौर पर कोरोना वायरस संक्रमित मृतकों के लिए समर्पित कर दिया है। इसे COVID-19 कब्रिस्तान का नाम दिया है।;
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से मरने वालों के परिवार के लिए सबसे बड़ी समस्या शव को दफनाने या जलाने को लेकर आती है। लेकिन अब दिल्ली में कोरोना से हुई मौतों के बाद शवों को दफन करने के लिए फ़िक्र करने की जरूरत नहीं। यहां कब्रिस्तान में कोरोना संक्रमित मृतकों को दफन करने के लिए कब्रों को रिजर्व किया गया है।
दिल्ली वक्क बोर्ड ने बनाया Covid-19 कब्रिस्तान
दरअसल, दिल्ली वक्फ बोर्ड ने राजधानी में रिंग रोड से सटे जदीद कब्रिस्तान को विशेष तौर पर कोरोना वायरस संक्रमित मृतकों के लिए समर्पित कर दिया है। इसे COVID-19 कब्रिस्तान का नाम दिया है। कोई भी जिसकी मौत कोरोना से हुई हो उसे इस कब्रिस्तान में जमीन दी जायेगी। हालांकि कहा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण से मौतों के मामले इतने बढ़ गए है कि कब्रिस्तान में जगह काम पड़ गयी।
बढ़ी मृतकों की संख्या तो कब्रे हो सकती है कम
इस बारे में जदीद कब्रिस्तान कमिटी के जनरल सेक्रटरी एडवोकेट मसरूर सिद्दीकी ने जानकारी दी कि अभी जगह की कोई कमी नहीं है लेकिन अगर इसी तरह कोरोना मृतकों की संख्या बढ़ती रही तो ये मुमकिन है।
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चार अन्य कब्रे कोविड-19 मृतकों के लिए
इतना ही नहीं दिल्ली में जदीद कब्रिस्तान के अलावा चार अन्य कब्रिस्तानों को कोरोना मृतकों के लिए रिजर्व रखा गया। इसमें द्वारका सेक्टर-24, मदनपुर खादर, मंगोलपुरी और शास्त्री पार्क का नाम शामिल है। बता दें कि हालात इतने खराब है कि इन कब्रिस्तानों में सिर्फ एक दिन में प्रोटोकॉल तोड़ कर 10 लोगों को दफन किया गया।
संक्रमितों को दफन करने के लिए कब्रों में ख़ास इंतज़ाम
इन कब्रिस्तानों में संक्रमित मृतकों को दफन करने के लिए आम कब्रों की तुलना में ज्यादा गहरा खोदा जा रहा है। आम कब्र जहां तीन फीट गहरी खोदी जाती है वहीं कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 12 से 15 फीट गहरी कब्र खोदी जाती है और इस काम के लिए जेसीबी मशीन लगाई जाती है।
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ऐसे में शवों को दफन करने में खर्च भी अधिक लगता है। केबल जेसीबी वाली कब्र में 6 हजार रुपये लगते हैं। वहीं दहन करने आये लोगों को पीपीई सूट पहनना पड़ता है, जिसके लिए 800 से 1000 रूपए तक अदा करने पड़ते हैं। हालंकि कब्रिस्तान कमेटी ने हर कब्र के लिए पहले से ली जाने वाली 2 हजार रुपये फीस को अब माफ़ कर दिया ताकि लोगों पर अधिक बोझ न पड़े।
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