गुजरात में 200 बच्चों की मौत, सवाल पर CM रूपाणी ने साधी चुप्पी, कांग्रेस का हमला

गुजरात के राजकोट और अहमदाबाद के सरकारी अस्पतालों में पिछले 200 बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चों की मौत की वजह कुपोषण, जन्म से ही बीमारी, वक्त से पहले जन्म, मां का खुद कुपोषित होना बताया जा रहा है।

Update: 2020-01-05 14:54 GMT

नई दिल्ली: गुजरात के राजकोट और अहमदाबाद के सरकारी अस्पतालों में पिछले 200 बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चों की मौत की वजह कुपोषण, जन्म से ही बीमारी, वक्त से पहले जन्म, मां का खुद कुपोषित होना बताया जा रहा है। लेकिन जब मुख्यमंत्री विजय रुपाणी बच्चों की मौत पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर बच्चों की मौतों को लेकर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अभी तक इस मुद्दे पर मौन क्यों हैं?

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दरअसल, राजकोट सिविल अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने बताया अस्पताल में दिसंबर के महीने में 111 बच्चों की मौत हो गई थी। जबकि अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक जीएस राठौड़ ने कहा कि दिसंबर में 455 नवजात शिशुओं नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) भर्ती किया गया था जिसमें से 85 बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की मौत के लिए दोनों ही डॉक्टरों ने कोई नहीं बताया।

जब मीडिया ने जब सीएम रुपाणी से बच्चों की मौत के मामले पर सवाल किया तो वह चुप्पी साधते हुए बिना कुछ प्रतिक्रिया दिए चले गए। बता दें कि रूपाणी राजकोट पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक भी हैं।

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राजकोट और अहमदाबाद के सिविल अस्पतालों में बच्चों की मौत पर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बीजेपी शासित गुजरात में बच्चों की मौत पर मौन रहेंगे। कांग्रेस के गुजरात प्रभारी राजीव सातव ने भी पीएम मोदी और शाह की चुप्पी पर सवाल उठाया।

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देव ने कहा कि राजकोट के सिविल अस्पताल में 134 बच्चों की मौत हुई है। जबकि अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 85 बच्चों की मौत हुई है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हर्षवर्धन अभी भी चुप रहेंगे। आशा है कि राष्ट्रीय मीडिया इस त्रासदी को उजागर करेगा। बच्चों के लिए चिंता का विषय सलेक्टिव नहीं होना चाहिए।

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