Gujarat Riots: गुजरात HC से तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज, तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा

Gujarat Riots: गुजरात हाईकोर्ट ने शनिवार (1 जुलाई) को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने तुरंत आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।

Update: 2023-07-01 07:31 GMT
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (सोशल मीडिया)

Gujarat Riots: गुजरात हाईकोर्ट ने शनिवार (1 जुलाई) को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने तुरंत आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। तीस्ता सीतलवाड़ पर साल 2002 में गुजरात के दंगों से जुड़े निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए फर्जी सबूत तैयार करने का आरोप है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल सितंबर 2022 में अंतरिम जमानत दी थी।

गुजरात पुलिस ने जून 2022 में किया था गिरफ्तार

गौरतलब है कि तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात दंगो के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप में अहदाबाद डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (डीसीबी) ने एफआईआर दर्ज की थी। इसी एफआईआर के आधार पर गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ को 25 जून 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सात दिनों तक पुलिस रिमांड पर पूछताछ की गई थी। पुलिस रिमांड में पूछताछ के बाद 2 जुलाई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे जमानत दे दी थी।

तीस्ता पर क्या हैं आरोप

तीस्ता सीतलवाड़ एक सामाजिक कार्यकर्ता है, उनका कहना है कि वह गुजरात दंगों में पीड़ितों की लड़ाई लड़ रही हैं। तीस्ती सीतलवाड़ पर 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए फर्जी सबूत तैयार करने का आरोप है।

2002 के गुजरात दंगों के मामले में अहदाबाद डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और डीजीपी आरबी श्रीकुमार के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर के साजिश रचने का मामला दर्ज किया था। पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट पहले से जेल में बंद है, वहीं तीस्ता सीतलवाड़ अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर है, वहीं गुजरात हाईकोर्ट ने आज उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए तुरंत आत्मसमर्पण करने के लिए कह दिया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को बीते 24 जून को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका जकिया जाफरी ने दाखिल की थी। जकिया जाफरी के पति एहसान जाफरी की गुजरात दंगो में मौत हुई थी।

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