कच्छ में PM मोदी: किसानों से करेंगे बातचीत, कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान

किसानों के आंदोलन के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गुजरात के कच्छ में खुद किसानों से बात करेंगे। पीएम एक दिवसीय दौरे पर गुजरात के कच्छ जा रहे हैं।

Update: 2020-12-15 08:16 GMT
किसानों से खुद वार्ता करेंगे पीएम मोदी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है। इस बीच 20 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान सरकार संग दोबारा बातचीत करने को तैयार हो गए हैं। बता दें कि सरकार और किसानों के बीच इससे पहले भी कई बार बैठक हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा निकली हैं। अब केंद्र सरकार से नाराजगी के बीच किसान फिर से बात करने के लिए तैयार है।

पीएम मोदी करेंगे किसानों से चर्चा

बता दें कि किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। वहीं केंद्र भी अभी तक कानूनों को वापस लेने के लिए नहीं मानी है। मोदी सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हक में है, जबकि किसानों ने इस काला कानून करार दिया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को खुद इनके फायदों के बारे में बात करने के लिए सीधे किसानों के पास जा रहे हैं। आंदोलन के बीच PM मोदी एक दिवसीय दौरे पर गुजरात के कच्छ जा रहे हैं।

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पीएम मोदी करेंगे किसानों से चर्चा (फाइल फोटो)

गुजरात के सिख किसानों से होगी मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी यहां तीन बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं। इसके तरह पीएम मोदी गुजरात को विश्व का सबसे बड़ा रिन्यूएबल सोलर प्रोजेक्ट देंगे। वहीं मांडवी में डिसेलिनेशन प्लांट का भी भूमि पूजन करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कच्छ के कृषक समुदाय से संवाद करेंगे। मोदी गुजरात के सिख किसानों से भी मुलाकात करेंगे। एक आधिकारिक बयान में इसे लेकर जानकारी दी गई है। मुख्य कार्यक्रम से पहले वह कच्छ के किसानों के साथ चर्चा करेंगे।

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अपनी मांगों पर अड़े हैं किसान

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों की तादाद में किसान बीते करीब दो हफ्ते से भी अधिक वक्त से दिल्ली की सीमाओं को घेर कर बैठे हैं। कानूनों के खिलाफ किसान सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। कानूनों को लेकर सरकार से किसान संगठनों की कई बैठकें भी हुईं, लेकिन सभी बेनतीजा रही हैं। किसान लगातार अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार को कानून वापस लेना ही होगा, नहीं तो हम यहां से नहीं हटेंगे।

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