गुजरात का वुहान कनेक्शन: इसलिए हो रही ज्यादा मौतें, जानलेवा बनता जा रहा कोरोना
देश में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र के बाद गुजरात में दिख रहा है। यहां अभी तक इस वायरस ने 300 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और करीब साढ़े तीन हजार लोग इस वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र के बाद गुजरात में दिख रहा है। यहां अभी तक इस वायरस ने 300 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और करीब साढ़े तीन हजार लोग इस वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं। राज्य में कोरोना से बढ़ती मौतों के पीछे एक विशेष कारण बताया जा रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के एल टाइप स्ट्रेन के हमले के कारण गुजरात में मृत्यु दर ज्यादा है।
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वुहान में भी एल स्ट्रेन वाला वायरस
जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस बहुरूपिया है और इसके कई स्ट्रेन हैं मगर इसका एल स्ट्रेन वाला रूप सबसे ज्यादा खतरनाक है। चीन के वुहान शहर में भी एल स्ट्रेन वाले वायरस की बहुलता पाई गई थी।
वहां भी इसे ही ज्यादा मौतों का कारण माना गया है। गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर के एक वैज्ञानिक ने कहा कि गुजरात में कोरोना के एल स्ट्रेन वाला वायरस बहुलता में पाया गया है।
सेंटर से जुड़े वैज्ञानिक सीजी जोशी ने कहा कि इसी वायरस ने वुहान में भी तबाही मचाई थी और अब यह वायरस गुजरात के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
उनका कहना है कि हमने कोरोना की संरचना की डिकोडिंग की है जिसमें उसके तीन म्यूटेशन पाए गए हैं। गुजरात में एल स्ट्रेन का हमला ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है।
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केरल में कम मौतों का यह है कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि केरल में इस वायरस के एस टाइप स्ट्रेन की बहुलता पाई गई है और यही कारण है कि वहां पर मौतों की संख्या कम रही।
जानकारों का कहना है कि गुजरात में स्थिति बिल्कुल अलग है क्योंकि यहां एल स्ट्रेन वाले वायरस के हमला हुआ है। विशेषज्ञ बताते हैं कि दुनिया में जहां भी मौतों की दर ज्यादा है वहां कोरोना वायरस का यही स्ट्रेन पाया गया है।
इंदौर में भी एल स्ट्रेन का हमला
जानकारों के मुताबिक मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में भी एल स्ट्रेन के वायरस के हमले के कारण मौतों की संख्या अधिक है। वहां भी इसी स्ट्रेन के वायरस के हमले ने हालात को बेकाबू बना दिया है। वुहान के अलावा इटली, फ्रांस और अमेरिका में भी इस स्ट्रेन के वायरस की बहुलता पाई गई है।
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गुजरात में इस कारण फैला यह स्ट्रेन
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक देश में कोरोना वायरस के म्यूटेशन की डिकोडिंग में जो तीन स्ट्रेन पाए गए हैं उनमें एल स्ट्रेन सबसे ज्यादा घातक है। इससे संक्रमित होने वाले मरीज की मौत भी बहुत जल्दी हो जाती है।
एस स्ट्रेन एल स्ट्रेन की अपेक्षा कम घातक है। जानकारों का कहना है कि गुजरात में एल स्ट्रेन की बहुलता का कारण यह है कि गुजरात में अमेरिका से आने वाले लोगों की संख्या अधिक है जहां पर एल स्ट्रेन का वायरस फैला हुआ है।
एस स्ट्रेन को लेकर भी सतर्कता जरूरी
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जानकारों के मुताबिक केरल में अधिकांश मरीज दुबई से आए थे जहां की एस स्ट्रेन पाया गया है। देश में चीन, अमेरिका और यूरोप के स्ट्रेन आए हैं। यूरोप में फैला वायरस अमेरिका से थोड़ा कम घातक बताया जा रहा है।
वैसे विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि एस स्ट्रेन को लेकर भी किसी तरह की लापरवाही करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह भी जानलेवा साबित हो रहा है।
उनका यह भी कहना है कि यदि किसी मरीज को पहले से कोई बीमारी हो तो एस स्ट्रेन भी एल स्ट्रेन जैसा ही घातक साबित हो रहा है। इसलिए जिन जगहों पर एस स्ट्रेन का वायरस फैला है वहां भी सतर्क रहने की जरुरत है।
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रिपोर्ट-अंशुमान तिवारी
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