भारत का ऐंटी एयरफील्ड हथियार, 100 किमी दूर टारगेट को करता है लॉक

रक्षा PSU हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL ) ने गुरूवार को स्वदेशी हॉक-आई कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए ओडिशा के तट से एक स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन का सफलतापूर्वक परिक्षण किया।

Update: 2021-01-21 15:41 GMT
भारत में तैयार ऐंटी-एयरफील्ड हथियार, सौ किमी दूर खड़े दुश्मनों को बनाता है निशाना

बेंगलुरु: रक्षा PSU हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL ) ने गुरूवार को स्वदेशी हॉक-आई कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए ओडिशा के तट से एक स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन का सफलतापूर्वक परिक्षण किया। इस स्टैंड-ऑफ हथियार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) रिसर्च सेंटर इमरत (RCI) द्वारा विकसित किया गया है।

हथियार का सफल परीक्षण

DRDO द्वारा इस स्मार्ट हथियार को भारत में तैयार हॉक-एमके 132 से किया गया। एंटी एयरफील्ड हथियार की मारक शमता 100 किमी तक बताई जा रही है। जिसे सौ किमी दूर खड़े दुश्मन को ये एयरक्राफ्ट चुटकियों में नष्ट कर सकता है। इस हथियार का सफल परीक्षण सेवानिवृत विंग कमांडर पी अवस्थी एवं विंग कमांडर एम पटेल ने एयरक्राफ्ट के माध्यम से किया। DRDO के अनुसार ये हथियार 125 किग्रा की कैटेगरी में शामिल है।

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क्या है इसकी खासियत?

इस शानदार हथियार का वज़न 120 किलोग्राम है। इसे ख़ास दुश्मन के बंकर्स और एयरक्राफ्ट वगैरह उड़ाने के लिया बनाया गया है। इसकी मारक क्षमता 100 किमी की है। इतना ही नहीं इसे बेहद हल्के वजन वाला दुनिया का बेहतरीन गाइडेड बम बताया गया है।

हथियारों के मामले में आगे बढ़ रहा भारत

कोरोना महामारी के दौरान चीन से छिडे जंग के माहौल के बाद से भारत आत्मनिर्भरता की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है। कुछ वक्त पहले ही DRDO ने और भारतीय सेना ने मिलकर एक मशीन पिस्टल एएसएमआई तैयार किया है। यह देश की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल है। इससे पहले नवंबर 2020 में पूर्व में DRDO द्वारा विकसित रुद्रम एंटी रेडिएशन मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था।

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