कृषि कानूनों पर सुलह! सीएम खट्टर का बड़ा दावा, 2-3 दिन में निकल जाएगा हल

किसान आंदोलन के मुद्दे पर शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर  से मुलाकात की।

Update:2020-12-19 22:32 IST

नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Farm Law) को लेकर जारी किसानों के आंदोलन (Farmer Protest) के बीच ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि मामला एक दो दिन में हल हो जाएगा। ऐसे संकेत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) से मुलाकात के बाद दिए।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर

दरअसल, किसान आंदोलन के मुद्दे पर शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच कृषि कानूनों के मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान किसानों की मांगों को माने जाने और जल्द से जल्द किसान आंदोलन को खत्म करने को लेकर बातचीत हुई।

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अगले 2-3 दिन में सरकार और किसानों के विवाद का हल निकलने की संभावना

कृषि मंत्री से मुलाकात के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि अगले 2-3 दिन में सरकार और किसानों में बात हो सकती है। किसानों के विरोध का समाधान चर्चा के माध्यम से निकलना चाहिए।

तीनों कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसान 24 दिनों से दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं और कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बाबत सरकार और किसान नेताओं के बीच कई बार वार्ता हुई लेकिन सब बेनतीजा हो गई।

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किसान अपनी मांग पर अड़े

केंद्र सरकार बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द करें। किसानों तक अपनी बात पहुँचाने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री ने 8 पन्नों के पत्र में उन्हें आश्वासन देने और कृषि कानून के फायदे गिनाने की कोशिश की है। कृषि मंत्री ने अपने पत्र मे लिखा है कि वह खुद भी किसान हैं और खेती की चुनौतियों को समझते हैं।

कृषि मंत्री ने लिखा 8 पन्नों का किसानों के नाम पत्रः

किसानों की जमीन पर उन्हीं का मालिकाना हक रहेगा। उनकी जमीन को खतरा नहीं है।

किसानों को तय समय पर भुगतान किया जाएगा

अगर तय समय पर भुगतान नहीं किया गया, तो जुर्माना लगेगा।

खुले बाजार में अच्छे दाम पर फसल बेचने का विकल्प दिया जाएगा।

MSP जारी है और आगे भी जारी रहेगी।

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मंडियां चालू हैं और चालू रहेंगी।

करार फसलों के लिए होगा। जमीन के लिए करार नहीं होगा।

किसान जब चाहें, करार खत्म कर सकते हैं।

APMC मंडियां कानून के दायरे से बाहर हैं।

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